टॉप करने के लिए छात्र-छात्राओं को वास्तुशास्त्र के अचूक टिप्स

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वास्तु शास्त्र एक ऐसा प्राचीन विज्ञान है इसके जरिए जीवन में हर प्रकार की कठिनाइयों का मुकाबला किया जा सकता है. वास्तु शास्त्र  का छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. छोटी-छोटी बातें मानकर हम वास्तु शास्त्र के द्वारा छात्रों की एकाग्रता, समझने की शक्ति, परिश्रम करने की ललक बढ़ा सकते हैं. ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि ऐसा करने से परीक्षा परिणाम बहुत बेहतर हो सकेंगे.

भारतीय शास्त्रों में वास्तु पुरुष की कल्पना एक देवता के रूप में की गई है. घर, ऑफिस, धन, शिक्षा, संबंध, स्वास्थ्य और शादी सभी के लिए अच्छा वास्तु ज़रूरी है.

वास्तु की मदद से बच्चे अपने विद्यार्थी जीवन में ऊंचाइयां छू सकते हैं तथा अपना कैरियर सफलतापूर्वक बना सकते हैं. ज्यादातर देखा गया है कि परीक्षा नजदीक आने पर छात्र और छात्राएं तनावग्रस्त हो जाते हैं. कई बच्चों को यह भी शिकायत होती है कि पूरे साल अच्छे से पड़ने के बावजूद उनका परिणाम अच्छा नहीं आया.

आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के कुछ टिप्स जिससे बच्चों को उनके विद्यार्थी जीवन में मदद मिल सकती है.

 जब भी पढ़ने के लिए बैठे हैं तो पूर्व या उत्तर की दिशा में मुंह कर कर बैठे.

 बैठने के समय कोशिश करें कि कुर्सी दीवार से सटी हो.

 एकाग्रता बढ़ाने के लिए पढ़ाई के कमरे में ज्यादातर नीले या हरे रंग का इस्तेमाल करें.

 पढ़ाई के कमरे का दरवाजा उत्तर पूर्व दिशा में हो तो लाभ कई गुना बढ़ जाता है.

 मेज पर बिछाने के लिए नीले हरे रंग का वस्त्र इस्तेमाल करें

 घर के अंदर मुख्यतः पढ़ाई करने का कमरा पश्चिमी उत्तर दिशा में होना चाहिए.

 बच्चे की कुर्सी, जिस पर बैठकर को पड़ता है, कभी भी इनके नहीं होनी चाहिए.  बच्चे को कभी भी बीम के नीचे बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए.

good vastu and regular study is important to get success in examination

पढ़ाई के कमरे  में नहीं होने चाहिए. यदि दीवार में कोई शीशा है तो उसे रात में कपड़े से ढक देना चाहिए.

पढ़ाई के कमरे में कोई ऐसी तस्वीर लगानी चाहिए जिससे शांति का माहौल पैदा हो.

पढ़ाई करने की जगह हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए. वहां पर रोज गीले कपड़े से सफाई करनी चाहिए.

पढ़ाई की मेज पर बहुत अधिक सामान जैसे किताबें,  पेंसिल, इकट्ठा होने चाहिए.

पढ़ाई कमरे में होने वाला प्रकाश आंखों के लिए बहुत तीक्ष्ण नहीं होना चाहिए. स्टडी लैंप को ज्यादातर बाएं दिशा में रखना चाहिए. इससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है.

बहुत अधिक गहरे या बेजान रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पढ़ाई के कमरे को अधिकतर चमकदार और प्रसन्न रंगो जैसे नीला, हरा,  गुलाब, सफेद इत्यादि से ओतप्रोत रखना चाहिए.

 पढ़ाई करने के लिए छात्र को लकड़ी की कुर्सी पर बैठना चाहिए. किताबों की अलमारी रखने के लिए पूर्व दिशा अच्छी है.

सोने के वक्त सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए. उत्तर दिशा में सिर रखकर कभी नहीं सोना चाहिए.

पढ़ाई के कमरे के उत्तर पूर्वी कोने में मछली से भरा एक अक्टूबर में रखना चाहिए.

पढ़ाई की मेज पर एक छोटा क्रिस्टल रखा जा सकता है. एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है. 

children can study better if vastu is improved

माना जाता है कि वास्तु पुरुष का दिमाग घर के उत्तर पूर्वी दिशा में होता है. पढ़ाई करने के लिए भी दिमाग की जरूरत होती है. इसीलिए उत्तर पूर्वी दिशा का छात्र के जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है. 

सूर्योदय के आसपास का समय पढ़ाई के लिए सर्वोच्च युक्त है.

बिस्तर पर बैठ कर पढ़ाई करने से बचना चाहिए.

पढ़ाई करने के समय कोई अन्य कार्य यथासंभव नहीं करना चाहिए, जैसे टीवी देखना या मोबाइल का इस्तेमाल करना.

पढ़ाई शुरू करने के पहले एक गिलास पानी पीना चाहिए. 

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