Home रोचक तथ्य जानिये ‘ऊंट’ के बारे में ये बेहद दिलचस्प बातें

जानिये ‘ऊंट’ के बारे में ये बेहद दिलचस्प बातें

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हममें से ज्यादातर लोग ऊंट के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं। सामान्यता ऊंट को उसकी पीठ पर बने कूबड़ और राजस्थान जैसे रेगिस्तानी इलाकों के सबसे मशहूर जानवर के रूप में जाना जाता है। हममें से हजारों लोग ऐसे भी होते हैं, जो जीवन में एक बार ऊंट की सवारी करने की इच्छा को रखते हैं। परंतु हममें से ऐसे कितने ही होंगे जो वास्तव में इस अद्भुत प्राणी के बारे में कुछ दिलचस्प जानते होंगे या जानने की इच्छा रखते होंगे। आज हम आपको इस अद्भुत प्राणी के बारे में कुछ ऐसी दिलचस्प बातें बताएंगे जिन्हें जानकर आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

  1. ऐसा कहा जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन टैंक चालक ऊंट के गोबर के ऊपर से अपने वाहन को चलाना बहुत शुभ मानते थे। ऐसा करने के पीछे उनका उनका यह मानना था कि ऐसा करना उनके लिए सौभाग्य लाएगा।
  2. अरेबियन ऊंट के पास केवल एक ही कूबड़ होता है, जबकि एशियाई ऊंट दो कूबड़ वाले होते हैं। अरब संस्कृति में ऊंट इतने प्रतिष्ठित होतें हैं कि 160 से भी अधिक शब्द ऐसे होते हैं जिनका अर्थ ऊंट होता है।
  3. ऊंट अपने कूबड़ का उपयोग पानी को स्टोर करने के लिए नहीं करता भले ही वह गर्म जलवायु में रहता हो। उसका कूबड़ उसे वसा को जमा करने में मदद करता है और साथ ही शरीर के बाकी हिस्सों को ठंडा रखने में सहायता करता है। हालांकि जरूरत पड़ने पर वसा को भोजन या पानी के रूप में बदल लिया जाता है।
  4. ‘ऊंट’ एक अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ सुंदरता होता है।
  5. रेगिस्तान में रहने के कारण ऊंट को हमेशा ही हाइड्रेट बने रहने की आवश्यकता होती है। हाइड्रेट बने रहने का मतलब है शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त होना। इसलिए इस बात में कोई आश्चर्य नहीं प्रकट करना चाहिए कि ऊंट एक बार में 40 गैलन पानी पी लेते हैं। यहां इस बात का ध्यान रखना आवश्यक होगा कि यह पानी उनके कूबड़ में संग्रहित नहीं होता, जो कि वाकई में एक आश्चर्यजनक तथ्य है।
  6. कुछ सर्कस आज भी ऊंट को अपने शो के हिस्से के रूप में अपने साथ रखते हैं। हालांकि पशुओं से जुड़े एनजीओ इसे रोकने के लिए वर्षों से लड़ रहे हैं। लोगों के प्रति उसको देखने की उत्सुकता और उसके साथ फोटो खींचने की आतुरता के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  7. ऊंट एक बहुत ही सामाजिक पशु होता है। वह बेहद शांत-चित्त और धीमी गति से चलने वाला प्राणी है। जंगल में भी सामान्यता भोजन की तलाश के लिए यह लगभग 30 अन्य ऊंटों के समूह में ही यात्रा करते हुए नजर आता है।
  8. कांटेदार टहनियां तथा अन्य वस्तुएं जो दूसरे जानवरों को चोट पहुंचा सकती हैं, ऊंट उन्हें बड़ी ही आसानी से खा लेता है और उसके मुंह को भी इससे कोई नुकसान नहीं होता है।
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  1. दुनिया में 14 मिलियन (लगभग डेढ़ करोड़) से भी अधिक ऊंट पाए जाते हैं। जिनमें से ज्यादातर ऊंट मध्य पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में मिलते हैं।
  2. तुर्की में हर जनवरी ऊंटों की कुश्ती नाम की एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। हालांकि यह ऊंटों की कुश्ती प्राचीन काल से चली आ रही प्रतियोगिताओं में से एक है। यही कारण है कि पशु अधिकार के लिए लड़ने वाले समूह इस प्रतियोगिता से बहुत नाखुश होने के बावजूद भी इसे रोकने में असफल रहे हैं और आने वाले भविष्य में भी इसके रुकने के कोई संकेत नहीं मिलतें हैं।
  3. क्या आपको यह सोच कर कभी आश्चर्य हुआ है कि ऊंट का मुंह दो भागों में क्यों विभाजित होता है या फिर इस विभाजन से उसे क्या फायदा होता है? असल में यह विभाजन ऊंट को उसके भोजन को और अधिक प्रभावी ढंग से चरने और खाने में मदद करता है।
  4. मनुष्य सहित अधिकांश स्तनधारी केवल 15% पानी खोकर डिहाइड्रेट हो जाते हैं अर्थात उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जबकि इनकी तुलना में ऊंट को डिहाईड्रेशन की स्थिति तक पहुंचने के लिए कुल 25% तक पानी खोना पड़ता है। जिसका अर्थ क्या हुआ कि ऊंट बिना पानी के बहुत लंबे समय तक रह सकता है।
  5. ऊंट के शरीर में हम एक मोटा फर आसानी से देख सकते हैं। यह गर्म रेगिस्तान में ऊंट को वातावरण के अनुकूल शरीर का तापमान बनाए रखने में मदद करता है और ऊंट को बहुत गर्म नहीं होने देता।
  6. यू.ए.ई. में अल-ढफरा ऊंट महोत्सव हर साल बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है। यह वहां का सबसे लोकप्रिय महोत्सव होता है। जिसमें एक सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस प्रतियोगिता में खिताब को जीतने के लिए हजारों की संख्या में ऊंट एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते दिखाई देते हैं।
  7. ऊंट जितने धीमे (आलसी) दिखाई देते हैं, वह वास्तव में उतने धीमे नहीं होते। ऊंट सामान्यता 40 मील प्रति घंटा की गति से दौड़ सकता है। सामान्यता एक ऊंट की चाल औसतन 25 मील प्रति घंटा तक होती है।
  8. जब ऊंट पैदा होता है तो उस अवस्था में वह बिना कूबड़ का होता है। एक बार जब शिशु ऊंट ठोस खाना प्रारंभ कर देता है, तो उसके शरीर में इस कूबड़ का विकास अपने आप ही होने लगता है।
  9. मध्य पूर्वी देशों में कई लोग ऊंट के मांस का सेवन करते हैं। इसे बहुत ही महंगा और उच्च स्तर का खाना माना जाता है। कूबड़ को स्पष्ट रूप से स्वाद की नजर से सबसे अच्छा माना जाता है। साथ ही बड़ी उम्र के ऊंट की अपेक्षा छोटे उम्र का ऊंट ज्यादा स्वादिष्ट और महंगा होता है।
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  1. ऊंट की नाक की क्षमता बहुत ही अद्भुत होती है। यह सांस लेने वाली हवा को नम बनाने में मदद करती है जिससे शरीर में पानी का अधिक से अधिक संचन हो सके.
  2. ऊंट केवल मनोरंजन के लिए नहीं थूकते हैं। यदि उन्हें कोई खतरा महसूस होता है तो वह इस प्रक्रिया का उपयोग अपने निजी रक्षा तंत्र के रूप में करते हैं।
  3. ऊंट बनावट से सेनानी की तरह प्रतीत नहीं होते हैं। परंतु पुराने जमाने में ऊंटों का उपयोग युद्ध के दौरान किया जाता था, इस बात के कई संकेत कई पुराने इतिहास के पन्नों में मिलते हैं। प्राचीन यूनानी, रोमन और फारसी लोग ऊंट का प्रयोग उनकी सवारी करने के लिए करते थे।
  4. 1855 में अमेरिकी कांग्रेस ने युद्ध विभाग को $30000 का बजट देकर यह अनुमति दी कि वह इस बजट का उपयोग करके युद्ध के लिए आवश्यक संख्या में ऊंट खरीदें। इनका उपयोग कई वर्षों तक किया गया। इस बात का प्रमाण इस तथ्य से लिया जा सकता है कि जब तक कि एक आम सैनिक ऊंट के व्यवहार और गंध से थक कर बैठ नहीं गया तब तक ऊंटों का प्रयोग युद्ध के लिए जारी रखा गया।
  5. जंगली बैक्टीरियन एकमात्र इस प्रकार के ऊंट होते हैं, जिन्हें कभी भी पालतू नहीं बनाया गया। इस प्रकार के ऊंट पूर्ण रूप से जंगली होते हैं तथा इनको पालतू बनाना पूरी तरह से असंभव होता है। वे पूर्वी एशिया की बंजर भूमि में रहते हैं। यह इलाका अविश्वसनीय रूप से जीवन व्यतीत करने के लिए कठिन है। हालांकि अब पृथ्वी पर इन जंगली बैक्टीरियन की संख्या 1000 से भी कम बची है।
  6. यदि आकार की बात की जाये तो दुनिया के सबसे बड़े भोजन की फेहरिस्त में भुने हुए ऊंट का नाम शामिल है। जो कि एक अरबी शादी की दावत के दौरान परोसा गया था।
  7. यदि आप कभी अबू धाबी की यात्रा करें तो वहां आप ऊंट के दूध का बना मिल्कशेक लेने में सक्षम होंगे। यह मिल्कशेक असली ऊंट के दूध से बना होता है। इसमें गाय के दूध की तुलना में कहीं अधिक विटामिन सी और आयरन पाया जाता है। यह गाय के दूध से अधिक फायदेमंद भी होता है। इसका उपयोग कजाकिस्तान में टीबी जैसी बीमारियों के इलाज को करने के लिए किया जाता है। पश्चिमी दुनिया इस दूध का उपयोग बहुतायत रूप से नहीं करती जिसका एकमात्र कारण यह है कि सरकार इसकी परीक्षण प्रक्रियाओं के लिए भुगतान करने को तैयार नहीं है।
  8. लामास ऊंट की तरह दिखने वाला जानवर है और यदि आप इनके बीच का अंतर नहीं जानते तो यह आपको अच्छे से भ्रमित कर सकता है। लामा और ऊंट के बीच का मुख्य अंतर यह होता है कि ऊंट के पास हमेशा कम से कम एक कूबड़ जरूर पाया जाता है जबकि लामा के पास कोई भी कूबड़ नहीं होता है। यह ऊंट की तुलना में थोड़े छोटे भी होते हैं।

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