विटामिन डी की कमी को हलके में मत लीजिये. जानिए ज़रूरी तथ्य.

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विटामिन डी की कमी आज एक आम बात हो गयी है. गिने चुने ही मिलते हैं जिनका विटामिन डी कम न हो. कुछ तो खाने पीने का कल्चर बदला है, कुछ प्रदूषण की कृपा, और बाकी जीवन जीने का तरीका. लोग तनाव में रहते हैं. रात में देर तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं. हॉर्मोन का सिस्टम खराब होता है और विटामिन डी भी जीवन-शैली से जुडी हुई बीमारी है.

विटामिन डी की कमी होने वाले जोखिम तत्व नीचे लिखे हैं. यदि आपमें हैं, तो आपको भी ये बीमारी हो सकती है.

  1. गहरे रंग की त्वचा होना
  2. बुज़ुर्ग होना
  3. मोटापे का शिकार होना
  4. खाने में मछली का सेवन न करना
  5. खाने में दूध का सेवन न करना या कम करना
  6. ज़्यादातर घर या ऑफिस के अंदर रहना
  7. ज़्यादातर बाहर निकलने से पहले सन-स्क्रीन लगाना
  8. ऐसी जगह पे रहना जहां सूरज की किरणों का अभाव रहता है

विटामिन डी की कमी से होने वाले मुख्य लक्षण प्रस्तुत हैं:

बार बार बीमार होना

विटामिन डी की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है.  इम्यून सिस्टम हमारे शरीर की सुरक्षा बैक्टीरिया और वायरस द्वारा करता है. विटामिन डी की कमी से बार बार इन्फेक्शन होते हैं. यदि आपको बार-बार सर्दी जुकाम या बुखार होता है तो संभावना है कि आपका विटामिन डी नॉर्मल से कम हो.

कई बड़े वैज्ञानिक प्रयोगों में पाया गया है कि जिन लोगों में विटामिन डी की मात्रा कम है उनमें निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, साइनोसाइटिस जैसी बीमारियां अधिक पाई जाती हैं.

वैज्ञानिक रिसर्च में ऐसा भी देखा गया है की विटामिन डी की मात्रा रोजाना लेने से छाती और फेफड़े का इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है.

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जल्दी थकावट होना

वैसे तो जल्दी थकने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं. पर विटामिन डी की कमी की वजह से थकान होना एक मुख्य लक्षण है जो ज्यादातर डॉक्टर नहीं समझ पाते.

ऐसा देखा गया है विटामिन डी की मात्रा जितनी कम होती है, थकावट उतनी ही ज्यादा होती है.

पीठ में दर्द होना

शरीर में कैल्शियम की मात्रा संचालित करने में विटामिन डी का महत्वपूर्ण रोल होता है.  कैल्शियम की कमी से जोड़ों में दर्द रह सकता है. विटामिन डी की कमी से हड्डियां ठीक प्रकार से कैल्शियम का उपयोग नहीं कर पाते जिससे उन्हें कमजोरी और दर्द बना रहता है.

वैज्ञानिकों ने पाया है कि विटामिन बी की कमी से पीड़ित लोगों में अधिकतर पीठ का दर्द होता है और यह कमी जितनी ज्यादा होती है उनमें दर्द उतना ही ज्यादा रहता है. इस दर्द की रोकथाम करने के लिए विटामिन डी की कमी पूरी करने चाहिए ना कि सिर्फ दर्द की दवा लेनी चाहिए.

मानसिक अवसाद या डिप्रेशन रहना

ऐसा देखा गया है कि विटामिन डी की कमी से मानसिक अवसाद अथवा डिप्रेशन नामक मानसिक बीमारी हो सकती है. ज्यादातर बुजुर्ग लोगों में ऐसा देखा गया है. इसके फलस्वरूप डिप्रेशन की नार्मल दवाएं देने से फर्क नहीं पड़ता किंतु जैसे ही विटामिन डी का लेवल नॉर्मल आ जाए तो मन प्रसन्न रहना शुरू करता है.

घाव का देर में भरना

घाव के देर में भरने को ज्यादातर डायबिटीज का लक्षण समझा जाता है जो कि सच है. पर यह भी जान लेना जरूरी है कि विटामिन डी की कमी से भी घाव भरने में देरी होती है.

विटामिन डी कई ऐसे तत्वों को जन्म देता है जो घाव को भरने में मुख्य भूमिका निभाते हैं. साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन पैदा करने वाले तत्व अधिक संख्या में होते हैं. यह सूजन पैदा करने वाले तत्व घाव को समय पर भरने से रोकते हैं.

किसी भी तरह की सर्जरी,  चोट इंफेक्शन के बाद यदि घाव देर में भर रहा है तो विटामिन डी का लेवल देख लेना जरूरी है.

हड्डियों का कमजोर होना

शरीर में कैल्शियम को आहार द्वारा रक्त में सोखने और भली-भांति काम में लाने के लिए उपयुक्त मात्रा में विटामिन डी की आवश्यकता होती है. देखा गया है कि बुजुर्गों को हड्डियों की कमजोरी के इलाज के लिए कैल्शियम की गोलियां दी जाती है. यदि शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम है तो सिर्फ कैल्शियम देने से हड्डियां वापस मजबूत नहीं होंगी बल्कि साथ में विटामिन डी की मात्रा भी सामान्य करनी पड़ेगी.

इस वजह से बुजुर्ग लोगों में फ्रैक्चर होने की संभावना ज्यादा रहती है.  स्त्रियों में पीरियड्स खत्म होने के बाद हार्मोन के बदलाव की वजह से कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा कम देखी गई है.  इस कारण से उनमें छोटी चोट लगने पर भी हड्डी के टूटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.

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गंजापन

बालों का जरूरत से ज्यादा टूटना चिंता की वजह से होता है तथा इसके पीछे पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है.  विटामिन डी की कमी बालों के जल्दी झड़ने का एक मुख्य कारण है.

एलोपीसिया एरेटा नाम की एक इम्यून सिस्टम की बीमारी गंजेपन का एक बहुत बड़ा कारण है. वैज्ञानिक प्रयोगों में विटामिन डी और एलोकेशिया एरिया में संबंध पाया गया है.  यदि समय से विटामिन डी की खुराक दी जाए तथा कमी ना होने दी जाए तो बालों के समय से पूर्व अधिक झड़ने को संभवतः रोका जा सकता है.

 मांसपेशी में दर्द

विटामिन डी की कमी  मांसपेशी में दर्द का एक प्रमुख कारण है. एक वैज्ञानिक प्रयोग में पाया गया कि 70% से अधिक लोग जिनके मांसपेशी में दर्द था उनमें विटामिन डी की कमी थी. ज्यादातर ऐसे मरीजों में विटामिन डी की मात्रा ठीक करने के साथ ही दर्द में कमी आ जाती है या पूरी तरह सुधार हो जाता है. और तो और कुछ रिपोर्ट में ऐसा भी देखा गया है कि ऐसे मरीजों में विटामिन डी की सिर्फ एक खुराक से ही लगभग 40% लोगों में दर्द में कमी पाई गई.

यह सब जानते हमें यह पता चलता है कि हमारे शरीर में विटामिन डी का एक महत्वपूर्ण योगदान है. इसकी कमी होने से अधिकतर ऐसे लक्षण पैदा होते हैं जो लोग खास ना समझ कर टालते रहते हैं जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पाता. आज के समाज में यह आवश्यक है कि आप अपने विटामिन डी के लेवल को लेकर सतर्क रहें और समय-समय पर इसकी जांच कराते रहें.

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