जीरा एक उत्कृष्ट मसाला है जिसे स्वादिष्ट भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। जीरे के बीज को सुखाने के बाद उपयोग में लाया जाता है। जीरा का प्रयोग चिकित्सीय अनुसंधान के लिए भी किया जाता है और कई अध्ययनों के द्वारा यह दावा भी किया गया है कि जीरे के अंदर कई प्रकार के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले गुण पाए जाते हैं। जीरे का प्रयोग हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ हमारी याददाश्त को बढ़ाने में भी मदद करता है। जीरे के अंदर कैंसर कोशिकाओं के कई गुना बढ़ने से रोकने की क्षमता पाई जाती है। यह एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण और एंटीबायोटिक गुण से भरपूर होता है, जिसके कारण इसका प्रयोग करने से हम शरीर में हो रहे दर्द और आंतरिक सूजन से मुक्ति पा सकते हैं। इतना ही नहीं जीरा ‘इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम’ (IBS) को भी कम करने में लाभकारी होता है। यह हमारे कोलेस्ट्रोल के स्तर, मधुमेह स्तर तथा वजन को नियंत्रित करने में हमारी मदद करता है।
जीरे के अंदर एक अद्भुत सुगंधित महक पाई जाती है जो इस मसाले को बहुत अधिक सुगंधित बना देती है। जीरे का उपयोग कई प्रकार की हृदय को स्वस्थ रखने वाले व्यंजनों तथा कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले व्यंजनों में किया जाता है। पके हुए फलों अथवा सब्जियों के ऊपर उनके स्वाद को बढ़ाने के लिए जीरे का उपयोग किया जाता है जिसमें जीरे के साथ धनिया, और ताजा नींबू का मिश्रण मिलाकर स्वाद को और अधिक बढ़ा दिया जाता है। जीरे से होने वाले अधिकांश लाभ आपके पाचन, रोग प्रतिरोधक (प्रतिरक्षा) प्रणाली और परिसंचरण से जुड़े हुए होते हैं। दैनिक जीवन के आधार पर जीरे से होने वाले कुछ ऐसे लाभों को हमने यहां पर एक लेख के रूप में प्रस्तुत किया है। आप प्रतिदिन अपने खाद्य आहार में जीरे को मसाले के रूप में प्रयोग करके लाभ उठा सकते हैं। हमने यहां पर जीरे की खुराक तथा अधिक मात्रा में जीरे का सेवन करने से होने वाले नुकसान को भी लिखा है।
- जीरे के अंदर एंटी- ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं
- जीरे के अंदर एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं
- जीरा दस्त के इलाज को करने में मदद करता है
- जीरा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है
- जीरे के अंदर बैक्टीरिया और परजीवीओं से लड़ने की ताकत भी पाई जाती है
- जीरे के अंदर एंटीइन्फ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं
- जीरे का प्रयोग करके आप अपने कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी नियंत्रित कर सकते हैं
- जीरे का प्रयोग अधिक बढ़े हुए वजन को घटाने के लिए भी किया जा सकता है
- जीरे के प्रयोग से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) में भी सुधार देखने को मिलता है
- जीरा आपकी याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है
- जीरे से जुड़े कुछ दुष्प्रभाव तथा खतरे
- जीरा – एक प्राकृतिक हर्बल सप्लीमेंट
जीरे के अंदर एंटी- ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं
जीरे के बीज में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जिसका सरल शब्दों में अर्थ यह हुआ कि जीरे के अंदर पाए जाने वाले दो पदार्थ, जिनका नाम एपिगेनिन और ल्यूटोलिन होता है, वास्तव में हमारे शरीर के अंदर मौजूद छोटे मुक्त कणों को शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने से रोकते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट के कारण आपका शरीर अधिक स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को बूढ़ा होने से भी बचाते हैं। यही कारण है कि जीरे का प्रयोग करने से आप अधिक स्वस्थ एवं ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं और साथ ही ज़रूरत से पहले बुढापे (एजिंग) जैसी समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं।
जीरे के अंदर एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं
हाल ही में हुए कुछ अनुसंधानों के द्वारा यह तथ्य निकलकर सामने आए हैं कि जीरे के अंदर कैंसर कोशिकाओं के गुणा करने (सामान्यता कैंसर कोशिकाएं आपस में गुणा होकर संख्या में बढ़ती जाती हैं) की क्षमता को कम करने का गुण पाया जाता है। एक अध्ययन में, चूहों के ऊपर जीरे का प्रयोग किया गया और उसके द्वारा यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन चूहों को जीरा खिलाया गया वे पेट के कैंसर से सुरक्षित हो गए। एक अन्य अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि नौ अत्यधिक लोकप्रिय जड़ी बूटियों और मसालों में तुलसी और जीरे को सबसे शक्तिशाली एंटी- कार्सिनोजेनिक पौधा माना गया है अर्थात इनके अंदर कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। अतः जीरे का प्रयोग आपको अपने खाने में जरूर करना चाहिए।
जीरा दस्त के इलाज को करने में मदद करता है
पारंपरिक चिकित्सा के अनुसार कई चिकित्सकों ने दस्त के इलाज के लिए जीरे का प्रयोग करने को प्राथमिकता दी है। आज के समय में पश्चिमी चिकित्सक भी जीरे के लाभ के ऊपर अनुसंधान कर रहे हैं और उनका भी मानना है कि दस्त जैसी समस्या में जीरे का उपयोग करना लाभदायक सिद्ध होता है। एक शोध के अनुसार कुछ चूहों को जीरे का अर्क दिया गया, यह वह चूहे थे जो दस्त से पीड़ित थे। जीरे का अर्क के सेवन करने के बाद इन चूहों के अंदर दस्त के लक्षणों को ठीक होते देखा गया।
जीरा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है
वैज्ञानिक शोध कार्यो में एक हर्बल परीक्षण के रूप में, मधुमेह (डायबिटीज) के इलाज के लिए जीरे का प्रयोग करके देखा गया। जिसके लिए इस परीक्षण के दौरान जीरे से बनी यह हर्बल दवा को मधुमेह से पीड़ित लोगों को दिया गया। तत्पश्चात यह निष्कर्ष निकाला गया कि जीरा, मधुमेह से पीड़ित लोगों के मधुमेह के स्तर की स्थिति के प्रबंधन करने में उनकी मदद करता है। इसके अतिरिक्त हाल में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार मधुमेह से पीड़ित जानवरों को भी जीरे का सेवन करवाने के पश्चात उन्हें लाभ मिलता देखा गया। यही कारण है कि इस बात को भी अब स्वीकारा जा चुका है कि जीरे का तेल एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट (रक्त की शुगर कम करने और नियंत्रित करने वाला पदार्थ) होता है जो मधुमेह के रोगियों के लिए लाभप्रद माना जाता है।

जीरे के अंदर बैक्टीरिया और परजीवीओं से लड़ने की ताकत भी पाई जाती है
जीरे के बीच से निकलने वाले तेल का प्रयोग एक अत्यंत प्रभावी लार्विसाइड (परजीवी के लार्वा को मारने वाला) और एंटीसेप्टिक एजेंट के रूप में किया जा सकता है। जीरे से निकलने वाला यह तेल बैक्टीरिया को मारने के साथ-साथ उनके परजीवियों को भी मार देता है, जो अन्य एंटीसेप्टिक के प्रति रेजिस्टेंट (प्रतिरोधी) होते हैं।
शोधकर्ताओं का यहां तक मानना है कि जीरे के अंदर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को मारने का गुण पाया जाता है। वास्तव में यहां पर उस बैक्टीरिया की बात हो रही है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी सिस्टम) पर हमला करके उसे कमजोर कर देता है। यही कारण है कि जीरे का प्रयोग सदियों से हमारे भोजन में एक परिरक्षक (प्रिजर्वेटिव) के रूप में किया जाता रहा है।
जीरे के अंदर एंटीइन्फ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं
जीरे के बीज के अंदर सक्रिय रूप से एंटी- इन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। जिसका अर्थ यह हुआ कि यदि आपको शरीर में दर्द अथवा किसी प्रकार की सूजन जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आपको अपने खाद्य आहार में जीरे को शामिल करना चाहिए और इसके निरंतर प्रयोग से आप कुछ ही समय में आए फर्क को महसूस करेंगे। जीरे के बीजों के अंदर दर्द को घटाने का गुण पाया जाता है। साथ ही यह शरीर में आई किसी प्रकार की अंदरूनी सूजन को कम करने में भी लाभदायक होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, चूहों पर किए गए प्रयोग के माध्यम से इस प्रकार के तथ्य सामने आए हैं कि नियमित रूप से जीरे का प्रयोग शरीर में दर्द और सूजन को कम करने में लाभकारी होता है।
जीरे का प्रयोग करके आप अपने कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी नियंत्रित कर सकते हैं
जीरे के अंदर हाइपोलिपिडेमक के गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह माना जाता है कि जीरे के प्रयोग से आप अपने शरीर के कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में सफल हो सकते हैं। एक अध्ययन में दही के साथ जीरे पाउडर को मिलाकर कुछ लोगों के समूह को कुछ दिनों के लिए खाने के लिए दिया गया और दूसरे समूह को सिर्फ दही खाने के लिए दिया गया। यह दोनों ही समूह में सम्मिलित लोग उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित थे। जब परिणाम सामने आए तो यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिस समूह को दही के साथ जीरे का पाउडर मिलाकर खाने के लिए दिया गया था उनके कोलेस्ट्रॉल स्तर में लाभकारी परिणाम देखने को मिले।
जीरे का प्रयोग अधिक बढ़े हुए वजन को घटाने के लिए भी किया जा सकता है
बहुत से लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं और अधिक वजन घटाने के लिए तरह-तरह के नुस्खों को आजमाते हैं, परंतु क्या आप जानते हैं कि साधारण से दिखने वाला जीरा वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि जीरा वजन कम करने में आपकी भरपूर मदद कर सकता है। परंतु यह बात भी सच है कि अभी और अधिक स्पष्ट परिणाम की घोषणा करने के लिए और अधिक शोध करने की आवश्यकता है। शोधकर्ताओं को इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक आने की उम्मीद हैं। एक शोध के अंतर्गत अधिक वजन वाली महिलाओं को जीरा पाउडर का सेवन करने के लिए दिया गया और परिणाम स्वरूप उनके वजन में सुधार देखा गया। एक अन्य अध्ययन के अनुसार यह पता चलता है कि अधिक वजन की आबादी जिसमें अधिक वजन के पुरुष और महिलाएं सम्मिलित हुए थे, उन्हें भी समान मात्रा में जीरे का प्रयोग करने को दिया गया तो उनकी तरफ से भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले।
जीरे के प्रयोग से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) में भी सुधार देखने को मिलता है
शोधकर्ताओं ने ऐंठन, पाचन की ऐंठन, मतली, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन और इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) से जुड़े लक्षणों में भी जीरे का प्रयोग करके सकारात्मक परिणामों को देखा है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने जीरे के अर्क का इस्तेमाल किया। एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने कुछ प्रतिभागियों को जीरे के अर्क का सेवन करने के लिए दिया, जो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित थे। जब प्रतिभागियों ने इसका सेवन किया तो कुछ चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। जीरे के अर्क का सेवन करने से इन प्रतिभागियों ने अपने इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में सुधार होता पाया। यह इतना प्रभावी था कि शोधकर्ताओं को यह उम्मीद है कि जीरा उन लोगों के लिए एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकता है, जो अपने इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के इलाज के लिए महंगी दवाओं के खर्चों का वाहन नहीं कर पाते हैं। साथ ही जीरे का प्रयोग शरीर में कई तरह के लाभ पहुंचाने में सहायक होता है, इसलिए आपको अपने खाने में जीरे के प्रयोग को जरूर शामिल करना चाहिए।

जीरा आपकी याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है
जीरे के अंदर हमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावी बनाने का गुण पाया जाता है। इसी कारण जीरे के प्रयोग से हम अपने शरीर के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। जिससे हमारी याददाश्त सकारात्मक रूप से बढ़ जाती है और हम अपने अंगों पर अधिक नियंत्रण करने के योग्य हो जाते हैं। जीरे का प्रयोग पार्किंसन रोग के इलाज में भी किया जा सकता है क्योंकि पार्किंसन रोग के दौरान शरीर की केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कार्य प्रभावित हो जाते हैं। अतः जीरे के प्रयोग से पार्किंसन रोग के इलाज में अच्छी खासी मदद मिल सकती है।
जीरे से जुड़े कुछ दुष्प्रभाव तथा खतरे
हालांकि जीरा को अत्यधिक सुरक्षित माना गया है, परंतु अति किसी भी चीज की बुरी होती है और जीरा इसमें कोई अपवाद नहीं है। यदि आप जीरे को अपनी खाद्य सामग्री में शामिल करने की सोच रहे हैं, तो उसकी दैनिक खुराक के विषय में भी जरूर विचार करें। जरूरत से ज्यादा जीरा लेने के कारण आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जिन्हें हम साइड इफेक्ट के नाम से जानते हैं। हर्बल सप्लीमेंट के तौर पर जीरे का उपयोग आप प्रतिदिन 300 से 600 मिलीग्राम कर सकते हैं। शोधकर्ताओं को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिसके अनुसार ज़रूरत से अधिक जीरे के उपयोग से पुरुष हॉर्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के स्तर को दबाने का गुण भी पाया जाता है। जीरा का उपयोग कुछ संस्कृतियों के द्वारा गर्भपात को करने वाले पदार्थ के रूप में किया गया है, इसलिए जो महिलाएं गर्भवती हैं या गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें जीरे का जरुरत से अधिक प्रयोग अपने खाद्य सामग्री में करने से पहले यह सारी बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
जीरा – एक प्राकृतिक हर्बल सप्लीमेंट
ऊपर लिखे गए सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आपको जीरे की निश्चित मात्रा का प्रयोग प्रतिदिन करना चाहिए। हालांकि जीरे के अंदर खतरे बहुत कम होते हैं परंतु यदि इसकी अत्यधिक मात्रा का उपयोग किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। आज के समय में जीरे से जुड़े और अधिक लाभों का सिद्ध होना बचा है, जो समय के साथ जल्द ही स्पष्ट हो जाएंगे। जिनमें से जीरे के अंदर रक्त की गुणवत्ता में सुधार लाने, हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने, शुक्राणुओं की संख्या के ऊपर भी जीरे के प्रभाव का अध्ययन अभी शोधकर्ताओं द्वारा जानवरों के ऊपर किया जा रहा है और इनके परिणामों का सभी को बेसब्री से इंतजार है। जीरे को एक हर्बल सप्लीमेंट के रूप में अपने आहर में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। आपका डॉक्टर आपकी शारीरिक अवस्था के अनुसार आपको जीरे की सही खुराक के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध करा सकता है। जब भी आप जीरे को खरीदें तो उसके ऊपर लिखे गए खुराक के निर्देशों के पालन को भी सुनिश्चित करना कभी भी ना भूलें, यह आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।