Home जीवनशैली जानिये ये विज्ञान द्वारा प्रमाणिक तथ्य और बनाइये अपनी सेहत.

जानिये ये विज्ञान द्वारा प्रमाणिक तथ्य और बनाइये अपनी सेहत.

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चीनी वाले पेय पदार्थ (जैसे कोल्ड ड्रिंक) ना पीयें

शरीर को मोटा करने में सॉफ्ट ड्रिंक का बहुत बड़ा हाथ है. एक सामान्य छोटी बोतल में लगभग 6 चम्मच चीनी होती है. साथ ही इनमें मीठा करने के लिए ‘हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप’ का इस्तेमाल किया जाता है जो सामान्य चीनी से भी अधिक हानिकारक होता है एवं यह चीनी से भी अधिक मीठा होता है तथा खरीदने में बहुत सस्ता होता है. इसलिए ज्यादातर मीठी वस्तुओं में मुनाफा बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.

मोटापे की महामारी के पीछे अधिक मात्रा में मीठे पेय लेना एक बहुत बड़ा कारण है. यहां तक कि जो फलों का पैकेट बंद जूस भी पीते हैं उसमें भी चीनी अलग से डाली गई होती है. ऐसे ड्रिंक मोटापे के अलावा डायबिटीज, दिल की बीमारियां तथा कोलेस्ट्रोल की समस्याएं भी पैदा करते हैं.

बादाम खाइए

बादाम में वसा की मात्रा अच्छी होती है पर फिर भी यह पोषण से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए रामबाण माने जाते हैं.  इनके अंदर प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम, विटामिन ई तथा फाइबर पाए जाते हैं. यह हमें शरीर की अधिक चर्बी कम करने में तथा डायबिटीज से दूर रहने में मदद कर सकते हैं. एक जांच में पाया गया कि बादाम के सेवन से 62% लोगों में वजन कम करने में सफलता देखी गई.

जंक फूड ना खाएं

जंक फूड, जैसे कि पिज़्ज़ा, बर्गर, मैदे की बनी वस्तुएं, फ्रेंच फ्राइस, तला हुआ खाना इत्यादि के अंदर उपस्थित तत्व हमारे दिमाग को अधिक खाना खाने के लिए प्रेरित करते हैं. इसकी वजह से ना सिरप अधिक मात्रा में जंक फूड पेट में जाता है बल्कि लोगों में ऐसे खाने का नशा सा हो जाता है. जंक फूड में प्रोटीन, फाइबर, पोषक तत्वों की कमी होती है. साथ ही कई प्रकार के हानिकारक तत्व जैसे कि शुगर, तेल और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होते हैं.

खाने में ज़्यादा नमक लेने से ब्लड प्रेशर (रक्‍तचाप) बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, पैरालिसिस और गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

संतुलित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करें

कॉफ़ी शरीर के लिए अच्छी है. इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर के अंदर की टूट फूट को ठीक करते हैं. साथ ही कॉफ़ी के सेवन से डायबिटीज, अल्झाइमर डिजीज और एनी बीमारियों का खतरा कम रहता है.

मछली ज़रूर खाएं

यदि आप शाकाहारी नहीं हैं, तो मांस के बजाये मछली का सेवन अधिक करें. मछली में उत्तम प्रकार के प्रोटीन और स्वास्थ्यवर्धक चर्बी पाई जाती  है. साथ ही इसमें विटामिन और पोषक तत्व भी भरपूर होते हैं. ये ओमेगा-3-फैटी असिड का भण्डार है जो कई प्रकार की बीमारियों में दवा का काम करता है. वैज्ञानिक शोधों से पता लगता है कि मछली का नियमित सेवन करने से दिल की बीमारियाँ, भूलने की बीमारी और डिप्रेशन में कमी आती है.

salad with fresh fruits and vegetables is linked to good health

रात में नींद पूरी करें

स्वास्थ्य अच्छा रखने में नींद का बहुत बड़ा हाथ है. यदि नींद पूरी ना हो तो व्यक्ति को इन्सुलिन रेजिस्टेंस नाम की बीमारी हो सकती है जिससे आगे चलकर मोटापा तथा हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं. लंबे समय तक नींद की समस्या रहने से शरीर के हार्मोन का सिस्टम भी प्रभावित होता है तथा शारीरिक और मानसिक सेहत खराब होती है.

नींद में अवरोध शरीर में चर्बी के इकट्ठा होने और वजन बढ़ने का एक मुख्य कारण है. आजकल के लाइफस्टाइल में लोग रात में देर तक जागते हैं तथा कई बार उनकी नींद पूरी नहीं होती. साथ ही जंक फूड आहार का एक मुख्य जरिया हो गया है. इसकी वजह से मोटापा एक महामारी बन चुका है. एक जांच में पाया गया कि नींद पूरी ना होने वाले लोगों में लगभग 90% बच्चे और 55% वयस्क मोटापे का शिकार हुए.

अपनी आंतों और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए थाने में प्रोबायोटिक और फाइबर का अधिक इस्तेमाल करें.

हमें रूठे हुए आहार से शरीर को प्रोबायोटिक की अच्छी मात्रा मिल जाती है. प्रोबायोटिक अलग से कैप्सूल या पाउडर के फॉर्म में भी मिलता है. याकुल्ट नाम के स्वादिष्ट पदार्थ में भी प्रोबायोटिक पाया जाता है. यदि घर के अंदर की बात करें तो दही, छाछ,  इडली, डोसा इत्यादि में प्रोबायोटिक की अच्छी मात्रा पाई जाती है. अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन करने से आहार से शर्करा बहुत तेजी से खून में नहीं सोखी जाती जिससे इंसुलिन ठीक प्रकार काम करता है और डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है.

भोजन करने के पहले पानी अवश्य पिएं

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से सेहत को बहुत लाभ होते हैं. बल्कि शरीर को ऊर्जा खर्च करने में भी तभी मदद मिलती है जब शरीर में पानी की कमी ना हो. जांच में पाया गया कि प्रतिदिन 2 लीटर पानी पीने से 100 कैलोरी अधिक खर्च की जा सकती है. एक वैज्ञानिक शोध में यह भी पाया गया कि भोजन करने के 30 मिनट पहले आधा लीटर पानी पीने से 44% लोगों में अधिक वजन कम होते देखा गया.

अगर पानी साफ नहीं है, तो इससे हमारे पेट में कीड़े पड़ सकते हैं और दस्त, टाइफाइड, हैजा, हेपेटाइटिस और दूसरी बीमारियाँ हो सकती हैं।

मांस को बहुत ज्यादा ना पकाएं या जलाए नहीं.

मांस में अधिक मात्रा में प्रोटीन और चर्बी पाई जाती है तथा अन्य पोषक पदार्थ भी होते हैं. विटामिन बी 12 अधिकतर मांसाहारी आहार से ही शरीर को मिलता है. लेकिन जब मांस को जरूरत से अधिक पका दिया जाए या जला दिया जाए तो कई खतरनाक केमिकल बनते हैं जिनसे शरीर में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है.

सोने के पहले चमकदार रोशनी से दूर रहें

यदि आप सोने के पहले तेज रोशनी के माहौल में रहते हैं तो सोने में मदद करने वाला ‘ मेलाटोनिन’ नाम का हारमोन,  जो दिमाग में स्त्रावित होता है, की कमी हो जाती है और अच्छी नींद नहीं आती. नींद की कमी से बहुत तरह की बीमारियां होती हैं. यदि आप किसी कारण से तेज रोशनी के माहौल से खुद को दूर ना कर सके तो आंखों पर काली पट्टी चढ़ाकर रह ले. अपने शयन कक्ष के बिस्तर को आरामदायक बनाइए. सोने से पहले ज़्यादा खाना मत खाइए. चाय-कॉफी या शराब मत पीजिए क्योंकि ये भी नींद दूर भगाते हैं.

physical activity and exercise have a big role in mantaining good health

यदि आप अधिकतर छायादार और बंद जगहों में रहते हैं तो विटामिन डी चेक कराते रहें.

सूर्य की रोशनी विटामिन डी का एक प्रमुख स्त्रोत है. देखा गया है कि अमेरिका में लगभग 40% से अधिक लोगों में विटामिन डी की कमी है. यदि आपको प्रचुर मात्रा में सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाती तो विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने चाहिए. विटामिन डी शरीर में हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है,  डिप्रेशन को दूर रखता है तथा कैंसर के खतरे को कम करता है. व्यक्ति को स्वस्थ रूप से लंबी उम्र जीने में विटामिन डी का महत्वपूर्ण योगदान है.

हाथ धोना ज़रूरी है

अपनी और दूसरों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, हाथ धोना बहुत ज़रूरी होता है, जैसे शौचालय जाने के बाद और किसी बीमार व्यक्‍ति से मिलने से पहले और उसके बाद. डायपर बदलने के बाद या बच्चे को शौचालय ले जाने के बाद भी अच्छी तरह हाथ धोने चाहिए. खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले, छींकने, खाँसने और नाक साफ करने के बाद तथा पशुओं को छूने के बाद भी हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए.

सब्जियां और फल खूब खाएं

ताजी सब्जियों और फलों में विटामिन, खनिज,  एंटी ऑक्सीडेंट, तथा फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इनमें कैलोरी की संख्या भी बहुत कम होती है. तथा प्राकृतिक आहार होने की वजह से यह शरीर को स्वस्थ रहने में भरपूर मदद करती हैं. जो लोग सब्जियां और फल ज्यादा खाते हैं उनमें दिल की बीमारियां,  डायबिटीज, मोटापा, दिमागी दौरा तथा कैल्शियम की कमी के आसार कम हो जाते हैं.

 पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन जरूर करें

प्रोटीन की कमी से शरीर में बहुत नुकसान हो सकते हैं. प्रोटीन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में हुई टूट-फूट को ठीक करता है. अधिक वजन को कम करने में प्रोटीन की विशेष भूमिका है. पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने से बार बार भोजन करने की इच्छा तथा रात्रि के समय उठकर कुछ खाने की इच्छा कम होती है. यदि आहार में प्रोटीन की मात्रा संतुलित हो तो रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रहती है,  रक्तचाप नियंत्रित रहता है तथा गुर्दे अच्छी तरह काम करते हैं और डायबिटीज की आशंका भी कम हो जाती है. शरीर की कोशिकाओं में होने वाली केमिकल गतिविधियों को एंजाइम नियंत्रित करते हैं और प्रोटीन के अभाव में एंजाइम काम करना बंद कर देते हैं.

कार्डियो एक्सरसाइज किया करें

सैर करना सेहत के लिए बहुत अच्छा है. यदि आप साथ में कार्डियो एक्सरसाइज भी कर सकते हैं तो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में  बहुलता आएगी. खास तौर पर इससे स्टेमिना बढ़ता है, पेट के आसपास की अधिक चर्बी कम होती है तथा शरीर के अंदर के अंगों के आसपास जमी हुई चर्बी कम होती है.  चर्बी कम होने से शरीर का आंतरिक स्वास्थ्य अच्छा हो जाता है.

कृत्रिम ट्रांसफैट के सेवन से दूर रहे

ट्रांसफैट, जो फैक्ट्री में बनाये जाते हैं, सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हैं. इनको खाने से शरीर की कोशिकाओं में सूजन बढ़ जाती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

प्राकृतिक मात्रा में मसालों का इस्तेमाल करें

अदरख, हल्दी, लहसुन, प्याज खाने से शरीर की कोशिकाओं में सूजन कम होती हैं और कई प्रकार की हानिकारक बीमारियां दूर रहती हैं. जीरा, काली मिर्च से पाचन तंत्र ठीक रहता है. दालचीनी रक्त में शर्करा की मात्रा संतुलित रखती है और डायबिटीज में लाभदायक है.

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