जानिये स्वादिष्ट ‘चने की दाल’ से होने वाले 20 सेहत के फायदे

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bengal split gram pulse

चने की दाल (जिसे स्प्लिट बेंगल ग्राम के नाम से भी जाना जाता है) भारत की दालों में सबसे लोकप्रिय दाल मानी जाती है और यही कारण है कि यदि आप दुनिया के किसी भी कोने में चलें जाएं और वहां आपको भारतीय रसोई मिलें, तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि उसमें चना की दाल से बना हुआ कोई पकवान ना हो। चने की दाल का प्रयोग सामान्य दाल से लेकर हैदराबादी काबुली बिरयानी तक सभी प्रकार के व्यंजनों में मुख्य घटक के रूप में किया जाता है। यहां तक कि चने की दाल से कुछ स्वादिष्ट मिठाइयां जैसे कि चना दाल हलवा इत्यादि भी बनाया जाता है। कई लोग चने की दाल का उपयोग तड़के और मसाले बनाने के लिए भी करते हैं। चने की दाल एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार है। बेसन भी चने की दाल से बनता है और अत्यधिक पौष्टिक होता है। इसमें एक अलग ही तरह का स्वाद और सुगंध पाया जाता है और इससे बनने वाले व्यंजन भी अद्भुत स्वाद के होते हैं। चने की दाल की कई तरह की रेसिपीज होती हैं और इससे बने हुए व्यंजन लोग लुत्फ़ उठाकर खाते हैं। भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में चने की दाल के साथ कुछ विशेष प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। चने की दाल का उपयोग मुख्य रूप से सूप, सलाद, चावल के साथ बनाए गए व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है। चावल, रोटी, पराठा, फुल्का या चपाती के साथ चने की दाल से बनी हुई व्यंजन को खाने से आपको संपूर्ण प्रोटीन के साथ-साथ आवश्यक अमीनो एसिड भी मिलता है। आज हम आपको चने की दाल से होने वाले कुछ ऐसे ही बेहतरीन स्वास्थ्य लाभों के विषय में बताएंगे जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

  1. चने की दाल में (30 ग्राम सर्विंग में) लगभग 100 कैलोरी पाई जाती है। यह उर्जा का अच्छा स्त्रोत है और आपको कम खा कर भी ऊर्जा की कमी महसूस नहीं होगी।
  2. चने की दाल में बी कॉन्प्लेक्स विटामिन पाए जाते हैं, जैसे कि B1, B2, B3 तथा B9 – ये विटामिन शरीर के अन्दर होने वाली मेटाबॉलिज्म में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
  3. चने की दाल में उच्च मात्रा में पोटेशियम तथा बहुत कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में बहुत अधिक प्रभावी माना जाता है।
  4. चने की दाल हमारे शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती हैं । इलेक्ट्रोलाइट का लेवल सामान्य रहने से शरीर का नर्वस सिस्टम और अन्य सभी अंग-प्रत्यंग ठीक से काम करते हैं।
  5. चने की दाल वसा और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होती है, जिसका अर्थ हुआ कि यह आपके वजन को घटाने में भी आपकी मदद कर सकती हैं । और साथ ही यह आपके हार्ट के लिए भी अच्छी है।
split bengal gram pulse
  1. चने की दाल में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है और यही कारण है कि यह दाल किसी भी अन्य दाल की अपेक्षा आपको अधिक प्रोटीन देने में सक्षम है । एक कप पकी हुई चने की दाल में आपके दैनिक जरूरत का 33% प्रोटीन पाया जाता है। इससे आपके शरीर के अन्दर होने वाली दैनिक टूट-फूट की सही प्रकार से मरम्मत होती है। शरीर में मुख्य एंजाइम (शरीर की कोशिकाओं के अन्दर होने वाली गतिविधियों के संचालक) प्रोटीन से ही बनते हैं और चने की दाल में प्रोटीन भरपूर हैं।
  2. चने की दाल आपकी त्वचा के लिए भी बहुत लाभदायक होती है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन से त्वचा का लचीलापन बना रहता है और त्वचा बार बार होने वाले इन्फेक्शन से भी बचती है।
  3. चने की दाल आपकी इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा) बनाए रखने में और बढ़ाने में भी मदद करती है। चने की दाल में जिंक पाया जाता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत फायदेमंद है। एक ऐसी दाल जो इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा) के लिए अच्छी है, उसे अपने आहार में शामिल करना समझदारी का कार्य होगा।
  4. चने की दाल एंटी- ऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है। यह मुक्त कणों के द्वारा हमारे रक्त वाहिकाओं को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई करती हैं। साथ ही शरीर की कोशिकाओं में सूजन (इन्फ्लेमेशन) को भी कम करने में सहायक होती हैं।
  5. चने की दाल फोलिक एसिड का बहुत अच्छा स्रोत मानी जाती है। चने की दाल होमोसिस्टाइन के स्तर को कम करने में मदद करती है। यदि होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ जाए तो हार्ट अटैक का ख़तरा रहता है। साथ ही यह शरीर में बनने वाले रक्त के थक्कों और धमनियों के सख्त होने के कारण होने वाले खतरे को भी कम करती है।
  6. चने की दाल में मौजूद मैग्नीशियम हमारी रक्त वाहिकाओं में होने वाले तनाव को कम करता है। जिसके कारण हमारे हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद मिलती है। रक्त वाहिकाएं खिंचाव से रहित हों तो ब्लड प्रेशर भी ठीक रहता है और ह्रदय को अधिक कार्य भी नहीं करना पड़ता जिससे वो थकता नहीं है।
  7. कच्चे चने की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है – तकरीबन 8 के करीब। जिसके कारण चने की दाल को मधुमेह (शुगर) से ग्रसित रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता हैं । ग्लैसेमिक इंडेक्स कम होने का मतलब है चने की दाल के अन्दर मौजूद शुगर रक्त में धीरे धीरे स्त्रावित होगी, एकदम से नहीं। उच्च ग्लैसेमिक इंडेक्स वाले आहार
  8. चने की दाल में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो रक्त में ग्लूकोस के रिसाव को धीमा कर देती है। जिसके कारण शरीर के अंदर रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रण में रहता है । फाईबर की उच्च मात्रा पेट और आँतों के लिए भी अच्छी है। एक कप पकी हुई चने की दाल में दैनिक आवश्यकता का 54% फाइबर मौजूद होता है, तो आप स्वयं सोच सकते हैं कि चने की दाल में कितना अधिक फाइबर पाया जाता है।
  9. चने की दाल में वसा की मात्रा बिल्कुल नगण्य के समान होती है। यही कारण है कि यह आपके कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में भी सहायक होती है । इतना ही नहीं इसके साथ ही यह आपके रक्तचाप को भी प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
  10. मैग्नीशियम की उच्च मात्रा पाए जाने के कारण चने की दाल इंसुलिन रेजिस्टेंस (इन्सुलिन प्रतिरोध) को कम करके इंसुलिन प्रतिक्रिया में सुधार लाती है ।
chane ki daal
  1. रतौंधी के इलाज के लिए जिंक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जिंक हमारे शरीर में एक ऐसे एंजाइम की गतिविधि को करने में मदद करता है जो जिसकी मदद से विटामिन ए का उत्पादन होने में मदद मिलती है, जो रतौंधी के इलाज के लिए उपयोगी होता है। चने की दाल में जिंक की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो चने की दाल रतौंधी के इलाज में भी फायदेमंद कहीं जाती हैं।
  2. चने की दाल के अंदर मैग्नीशियम और फास्फोरस समृद्ध मात्रा में पाये जाते हैं जो हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं।
  3. चने की दाल के अंदर खनिज फास्फोरस की समृद्ध मात्रा होने के कारण ये बफर के रूप में भी कार्य करता है। अर्थात चने की दाल शरीर के पीएच स्तर को बनाए रखने में और शरीर में मौजूद एसिड को कम करने के लिए मदद करती है। ज़्यादातर बीमारियाँ अधिक अम्लता से होती हैं और चने की दाल अम्लता को कण्ट्रोल करने में गुणकारी पायी गयी है।
  4. चने की दाल को फोलिक एसिड का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। फोलिक एसिड गर्भ में पल रहे नवजात शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के सही निर्माण में मदद करती है। फोलिक एसिड लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए गर्भवती स्त्रियों को, बढ़ते हुए बच्चों को, बुजुर्गों को, तथा सभी लोगों को चने की दाल का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
  5. चने की दाल में पोटेशियम की मात्रा भरपूर रूप से पाई जाती है, जो आपके भोजन में मौजूद जटिल कार्ब्स को तोड़ने में मदद करतीं हैं। इससे आपका वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

चने की दाल के अंदर पाए जाने वाले इन स्वास्थ्य लाभों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप भी अपने दैनिक आहार की श्रेणी में चने की दाल को जरूर शामिल करें। यह बच्चे हों या बड़े सभी के लिए लाभदायक होती हैं और आसानी से हज़म भी हो जाती है।

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