क्या आप जानते हैं सौंफ खाने के ये 25 फायदे?

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Benefits of eating fennel or saunf

आइए जानते हैं हरी सौंफ खाने से हमारे शरीर को किस किस तरह के लाभ हो सकते हैं:

पोषक तत्वों से भरपूर

सौंफ के अंदर प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैग्नीज, तथा फाइबर की मात्रा पाई जाती है. एक चम्मच सौंफ में मात्र 20 कैलोरी होती है जिसका अर्थ है कि यह हमें शरीर के लिए बहुत जरूरी तत्व प्रदान करती है बिना नुकसान किए।

सौंफ में उपस्थित विटामिन सी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कोशिकाओं में हो रहे नुकसान की भरपाई करता है. यह कोलाइजन नाम के फाइबर (प्रोटीन) को बनाता है जो मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी होता है. सौंफ में उपलब्ध मैग्नीज नाम का पोषक तत्व हमारे शरीर में कई कार्य करता है, जैसे एंजाइम को एक्टिव करना, उपापचय (मेटाबोलिज्म) करना, कोशिका की क्षति होने से रक्षा करना, हड्डियों का विकास करना, रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करना और घाव को भरने में मदद करना.

एंटी ऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल विनाशक

सौंफ द्वारा पाए जाने वाले तेल में लगभग 87 तत्व पाए जाते हैं जिनमें से अधिकतर बहुत कारगर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. इनमें से कुछ एंटी इन्फ्लेमेटरी (जिसका अर्थ है शरीर के अंदर कोशिकाओं में सूजन कम करने की प्रॉपर्टी) भी होतेहैं. वैज्ञानिक जांच में पता लगा है कि जो लोग सौंफ का प्रचुर मात्रा में सेवन करते हैं उनमें एंटी ऑक्सीडेंट की वजह से दिल की बीमारियां, अधिक मोटापा, कैंसर, नसों की समस्या और डायबिटीज होने के आसार कम हो जाते हैं. सौंफ में पाए जाने वाले तत्व में जीवाणुओं से लड़ने की क्षमता होती है इसकी वजह से यह मानते हैं कि सौंफ का सेवन बैक्टीरिया, वायरस, और फंगस से लड़ने में सक्षम है. इसमें पाए जाने वाले कुछ प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट्स के नाम हैं क्लोरोजेनिक एसिड, लिमोनीन और क्वरस्टिन.

In women, health benefits of fennel seeds or saunf are many

भूख में नियंत्रण रखना

ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि सौंफ का प्रयोग मसाले के रूप में करने से भोजन स्वादिष्ट बनता है. पर आपको यह भी पता होना चाहिए कि इसके सेवन से भूख भी नियंत्रण में रहती है. एक जांच में पाया गया कि जो लोग चाय में सौंफ डालकर पीते हैं उन्हें दोपहर के खाने के पहले कम भूख लगती है बजाय उनके जो ऐसा नहीं करते. सौंफ के अंदर पाया जाने वाला एक जरूरी तत्व जिसे अनेथोल कहते हैं भूख कम करने वाला पदार्थ हो सकता है. यदि भूख नियंत्रण में रहे तो बार-बार तथा अधिक खाने की आदत से निजात मिलेगी और वजन पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलेगी.

दिल की सेहत को दुरुस्त रखना

सौंफ के इस्तेमाल से दिल की सेहत अच्छी होती है. हम जानते हैं कि सॉफ्ट में प्रचुर मात्रा में रेशे या फाइबर होते हैं जो कई तरह की दिल की बीमारियां और अधिक कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम करते हैं. लगभग 20 अलग-अलग प्रयोगों में पाया गया कि जिन लोगों के आहार में फाइबर की मात्रा अधिक होती है उन्हें दिल की बीमारियां होने की आशंका कम होती है. वैज्ञानिक शोध प्रयोगों में देखा जाता है कि प्रतिदिन भोजन में यदि 7 ग्राम फाइबर बढ़ाया जाए तो दिल की बीमारियां होने का खतरा 9% तक कम हो जाता है. सौंफ के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम, पोटैशियम, और कैल्शियम भी दिल को स्वस्थ रखते हैं.

कैंसर से लड़ने की और रोकथाम की क्षमता

सौंफ में पाए जाने वाले कई पदार्थ शरीर में होने वाली लंबी बीमारियों और कैंसर से लड़ते हैं कुछ जांच में पाया जाता है कि सॉन्ग से निकाला गया सत्व लिवर कैंसर और स्तन कैंसर में लाभदायक है प्रयोगशाला में हुई जांच में यह भी पता लगता है कि सॉफ्ट के सत्य के प्रयोग से कैंसर की कोशिका जल्दी खत्म होती है

स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की वृद्धि करता है

साइंस के रिसोर्ट से पता लगा है कि नियमित रूप से सौंफ का सेवन करने वाली महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध की वृद्धि होती है जिससे शिशु को सपोर्ट मिलता है. सौंफ में पाया जाने वाला तत्व ‘अनेथोल’ के कारण ऐसा संभव हो पाया है. वैज्ञानिक शोधों में पता लगा कि माँ के द्वारा इसके सेवन से शिशु के वजन में भी बढ़ोतरी हुई. एक जांच में पाया गया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रतिदिन चाय में साढ़े सात ग्राम सौंफ का पाउडर दिया गया और दूसरी तरफ कुछ महिलाओं को नार्मल चाय दी गई. 4 हफ्ते के बाद देखा गया कि वह महिलाएं जिन्होंने चाय में सौंफ थी उनके बच्चों में वजन की बढ़ोतरी अच्छी हुई साथी उनका शारीरिक विकास भी बेहतर हुआ.

जीवाणुओं को मारने की क्षमता

सौंफ का सेवन करने से कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से शरीर का बचाव होता है. वैज्ञानिक जांच में यह पाया गया है कि कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया जैसे स्टेफिलोकोक्कस (staphylococcus), ईकोलाई (E. coli) तथा यीस्ट, कैंडिडा जैसे फंगस सौंफ के सेवन से शरीर को हानि नहीं पहुंचा पाते या कम पहुंचा पाते हैं.

शरीर में उम्र का प्रभाव कम करना तथा कोशिकाओं की सूजन घटाना

सौंफ के अंदर विटामिन सी और क्वरस्टिन शरीर की कोशिकाओं की सूजन कम करते हैं. इसकी वजह से कई प्रकार की लंबी बीमारियां नहीं होती इसके साथ ही फ्री रेडिकल की भी कमी होती है, जिसकी वजह से शरीर में बढ़ती उम्र वाले बदलाव कम नजर आते हैं.

यादाश्त में बढ़ोतरी करना

सौंफ के इस्तेमाल से बढ़ती उम्र के साथ घटती हुई याददाश्त की समस्या पर कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सकता है

मीनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के लक्षणों को कम करना

कुछ वैज्ञानिक प्रयोगों में यह देखा गया कि सौंफ के इस्तेमाल से मीनोपॉज (रजोनिवृत्ति) प्राप्त कर चुकी महिलाओं में गुप्तांग में खुजली, सूखापन, संभोग के वक्त दर्द तथा नींद की परेशानियों में कमी देखी गई है मुक्ति पाई गई। सौंफ में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन की तरह काम करने की काबिलियत होती है । मीनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन बहुत कम हो जाता है या विलुप्त हो जाता है तथा सौंफ का सेवन मीनोपॉज के लक्षणों को कम करने में लाभदायक देखा गया है।

खाना पचाने की शक्ति बढ़ाना

सौंफ के इस्तेमाल से शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता है तथा खट्टी डकार आना, अधिक गैस बनना, पेट में दर्द होना, अपचन होना जैसी समस्याएं नहीं होती. सौंफ के बीजों में गैस दूर करने की प्रॉपर्टी होती है जिसकी वजह से छोटे बच्चों के पेट में भी जब अधिक दर्द होता है तो सौंफ का सत्व उन्हें पीड़ा रहित बनाता है। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) नाम की बीमारी में भी सौंफ के अच्छे परिणाम देखे गए हैं। डायरिया, कब्ज, अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) और एसिड रिफ्लक्स डिसीज (Acid reflux disease) में भी सौंफ का सेवन करने से शारीरिक लक्षणों में सुधार देखा गया है।

दमे तथा फेफड़े की अन्य बीमारियों में लाभ

सौंफ के अंदर पाए जाने वाले तत्व साइनस को साफ रखने में मदद करते हैं और दमे पर नियंत्रण पाने में योगदान देते हैं। कई प्रकार की फेफड़े की बीमारियां जैसे खांसी, छाती में जकड़न, ब्रन्कईटिस इत्यादि में सौंफ के इस्तेमाल से सुधार जल्दी देखा गया है

मुंह की दुर्गंध में कमी लाना

सौंफ के बीजों को चबाने से मुंह में ताजगी रहती है. इसके सेवन से मुंह में सलाइवा (लार) अधिक बनता है जिससे हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. सौंफ के अंदर पाए जाने वाले तेल में बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है जिससे मुंह की दुर्गंध पैदा करने वाले जीवाणु नष्ट हो जाते हैं. जितनी अधिक देर के लिए आप सौंफ खायेंगे, इतनी अधिक देर तक आपकी सांसे ताजा रहेंगी।

डायबिटीज की बीमारी में कंट्रोल लाना

एक वैज्ञानिक जांच में पाया गया कि सौंफ में पाए जाने वाले तेल में रक्त की शुगर की मात्रा कम करने की क्षमता है. सौंफ के जरिए शरीर को विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसके सेवन से भी रक्त की शुगर नियंत्रित रहती है. सौंफ में बीटा-केरोटिन (beta-carotene) नाम का एंटी ऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जिसे डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल कम करने में प्रभावी समझा जाता है. सौंफ का ग्लैसिमिक इंडेक्स (आहार में उपस्थित शर्करा को रक्त में छोड़ने की क्षमता) कम होता है अतः डायबिटीज के मरीज इसे अच्छी मात्रा में खा सकते हैं.

स्तन के विकास में सहायक

सौंफ महिला हार्मोन एस्ट्रोजन की तरह काम करती है तथा इसीलिए स्तन के विकास में भी सहायता देती है. जिन महिलाओं में स्तन ठीक से विकसित नहीं है उन्हें सौंफ का सेवन अवश्य करना चाहिए.

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शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित करना

सौंफ में पाए जाने वाले फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं. यह फाइबर बाइल-साल्ट (पित्त के लवण) से संयुक्त होकर के कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाते हैं, जिसकी वजह से दिल की बीमारियां कम होती हैं.

शरीर में सूजन कम करना

शरीर में पानी अधिक इकट्ठा होने से कई बार सूजन आ जाती है. सौंफ के इस्तेमाल से शरीर में जमा अधिक पानी बाहर निकलता है तथा सौंफ गुर्दे की कार्यक्षमता भी बढ़ाती है. इससे शरीर से विषैले पदार्थ उत्सर्जित कर दिए जाते हैं. शरीर में संचित अधिक पानी निकलने से शरीर का रक्तचाप भी संतुलित रहता है.

प्रजनन क्षमता बढ़ाना

चूंकि सौंफ में एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह के लक्षण होते हैं इसलिए यह स्त्रियों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में प्रभावी होती है. तथा गर्भवती महिलाओं में लेबर पेन (बच्चे के जन्म से पूर्व होने वाला दर्द) भी समय पर पैदा कर सकती है.

ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखना

सौंफ का सेवन करने से शरीर में पोटैशियम पहुंचता है. पोटेशियम शरीर में उपस्थित अधिक सोडियम के प्रभाव को क्षीण करता है जिसकी वजह से शरीर में उपस्थित पानी की मात्रा नियंत्रित होती है तथा रक्तचाप संतुलित होता है. आपको यह जान लेना चाहिए कि रक्तचाप बढ़ाने में सोडियम नाम के तत्व की मुख्य भूमिका है।

लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ाना

सौंफ के सेवन से लीवर के अंदर की कोशिकाओं का स्वास्थ्य बढ़ता है. सौंफ के अंदर सेलेनियम नाम का पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होता है जिसके इस्तेमाल से लीवर बढ़िया काम करता है, तथा शरीर के अंदर के विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता हैं।

मोटापे में कमी लाना

सौंफ का सेवन करने से शरीर में फाइबर पहुंचते हैं तथा भूख भी नियंत्रित होती है. सौंफ के इस्तेमाल से शरीर में संचित अधिक पानी भी बाहर निकलता है और अधिक वजन में कमी आती है. यह बात समझ लेना जरूरी है कि सौंफ के इस्तेमाल से चर्बी की कोशिकाओं में कुछ अधिक प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि वजन कम होने की वजह है अधिक इकट्ठा हुए पानी का शरीर से बाहर निकलना.

गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस (Morning Sickness) को कम करना

सौंफ का इस्तेमाल करने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या में काफी राहत देखी जाती है. सौंफ पेट में तथा आंतों में इकट्ठा गैस के दुष्प्रभाव कम करती है जिसकी वजह से जी मिचलाना और उल्टी में कमी आती है.

नींद को नियंत्रित रखना

सौंफ का इस्तेमाल करने से नींद की अवधि और गुणवत्ता में सुधार आता है। सौंफ में पाया जाने वाला मैग्निशियम नींद की समस्याओं को दूर करता है. जिन लोगों को बिस्तर में लिखने के बाद भी जल्दी नींद नहीं आती उनके लिए सौंफ का इस्तेमाल बेहद लाभदायक है.

त्वचा में चमक लाना

सौंफ त्वचा का स्वास्थ्य बढ़ाती है तथा कई प्रकार की त्वचा की समस्याएं कम करती है। पानी में सौंफ डालकर उबालने के बाद भाप (स्टीम) को चेहरे पर लेने से त्वचा की झुर्रियां भी कम होती हैं।

बालों की सेहत बढ़ाना

सौंफ में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व कई प्रकार की बालों की समस्याओं को दूर करते हैं – जैसे बालों में रुसी होना, खारिश होना, बालों का जल्दी टूटना और बालों का कमजोर होना. सौंफ के इस्तेमाल से बालों में मजबूती आती है, उनका स्वास्थ्य बढ़ता है तथा डैंड्रफ की समस्या भी खत्म हो जाती है.

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