जानिए मुलेठी किस तरह आपके स्वास्थ्य के लिए राम-बाण है.

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मुलेठी की जड़ को दुनिया की सबसे पुरानी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है। मुलेठी का संबंध पुराने समय में पश्चिमी एशिया और दक्षिणी यूरोप से रहा है। वहां पर इसका प्रयोग लंबे समय तक कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में तथा कई प्रकार के खाद्य पदार्थों के अंदर स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। इसके इतने गौरवशाली इतिहास के बावजूद मूलेठी का सीमित उपयोग ही वैज्ञानिकों के अध्ययन द्वारा समर्थित है। मुलेठी का अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जिसका कारण मुलेठी की जड़ में पाए जाने वाले कई प्रकार के तत्वों को माना गया है। इस लेख के माध्यम से हम इसको इस्तेमाल करने के तरीके, इसके फायदे और इसके नुकसान के विषय में चर्चा करेंगे साथ ही इस बात पर भी विचार करेंगे कि मुलेठी की कितनी मात्रा को प्रयोग में लाना चाहिए। मुलेठी की जड़ का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है यह जानेंगे। भारत में सदियों से मुलेठी का प्रयोग दवाई के रूप में किया जाता रहा है तथा कई प्रकार के मीठे पेय पदार्थों को बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह हमारे शरीर के अंदर अंदरूनी संक्रमण और पेट में अपच की समस्या को दूर करने में प्रभावी होती है। साथ ही यह श्वसन से संबंधित रोगों में भी फायदेमंद है।

Table Of Contents
  1. मुलेठी के पौधे में पाए जाने वाले तत्व
  2. मुलेठी की जड़ के मुख्य फायदे
  3. मुलेठी की जड़ से जुड़े संभावित नुकसान और सावधानियां
  4. मुलेठी की जड़ की खुराक एवं रुप

मुलेठी के पौधे में पाए जाने वाले तत्व

मुलेठी के अंदर कई प्रकार के प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं। परंतु इसमें मुख्य रूप से पाए जाने वाले यौगिक का नाम ग्लाइसीर्रिज़िन होता है। मुलेठी में पाए जाने वाला यह यौगिक मुख्य तौर पर इसके स्वाद के लिए जिम्मेदार होता है तथा इसी यौगिक के कारण मुलेठी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं। हालांकि मुलेठी का यह यौगिक कई प्रकार के बुरे प्रभाव भी उत्पन्न करता है।

मुलेठी की जड़ के मुख्य फायदे

मुलेठी की जड़ अपच की समस्या और खट्टी डकारें से छुटकारा दिलवाती है

मुलेठी की जड़ के रस का प्रयोग पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। जैसे कि अपच की समस्या जिसमें हमारे शरीर में खाने को पचाने के लिए निकलने वाला एसिड ऊपर की तरफ आने लगता है अथवा कलेजे में जलन की समस्या आदि ने मुलेठी की जड़ के रस का प्रयोग करके लाभ पाया जा सकता है। 50 लोगों पर 30 दिन तक किए गए अध्ययन के अनुसार (जो अपच की समस्या से जूझ रहे थे) उन्होंने मुलेठी की जड़ के 75 एमजी कैप्सूल का दिन में दो बार प्रयोग किया और इनसे उन लोगों के अंदर पेट से जुड़ी समस्याओं में काफी फायदा हुआ। 58 लोगों पर किए गए अन्य अध्ययन के अनुसार ऐसा सामने निकल कर आया कि यदि आप मुलेठी की जड़ का प्रयोग लगातार करते हैं तो यह 2 साल की अवधि में कई प्रकार की पेट से संबंधित बीमारियों से आपको छुटकारा दिलवा देती है। हालांकि अध्ययनों के अनुसार प्राप्त होने वाले यह सभी निष्कर्ष अपने अपने मापदंडों पर खरे तो उतरते हैं, लेकिन फिर भी मिलिट्री की जड़ के इस्तेमाल से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह कर लेना उचित होगा क्योंकि इस विषय में अभी और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।

मुलेठी की जड़ के अंदर कैंसररोधी गुण पाए जाते हैं

मुलेठी की जड़ के अंदर पाए जाने वाले कई गुणकारी तत्व  के कारण जिसमें मुख्य रूप से एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, ऐसा देखा गया है कि यह कई प्रकार के कैंसर से हमें बचाने में भी काफी मददगार साबित होती है। मुख्य तौर पर मुलेठी की जड़ का अर्क और इसके अंदर पाए जाने वाले यौगिक हमारे अंदर त्वचा संबंधित कैंसर, स्तन संबंधित कैंसर, पेट से जुड़े विभिन्न प्रकार के कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने में कारगर होती हैं। परंतु इस विषय में अभी कुछ निश्चित अध्ययन ही उपलब्ध हैं जो कि जानवरों के ऊपर किए गए हैं‌। कैंसर से जुड़े विषय में अभी मनुष्यों के ऊपर और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है। हालांकि मुलेठी की जड़ का अर्क हमारे मुंह में पैदा होने वाले कई प्रकार के संक्रमण और कीमोथेरेपी एवं रेडिएशन के दुष्प्रभावों के कारण मुंह के अंदर पैदा होने वाले जख्मों को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कई बार कैंसर जैसे भयानक रोग के इलाज के दौरान मिलने वाली कीमोथेरेपी और रेडिएशन के कारण भी व्यक्ति के मुंह में भयानक घाव हो जाते हैं, जिनमें मुलेठी की जड़ का अर्क लाभदायक पाया गया। एक अध्ययन के दौरान जो 2 हफ्तों के लिए 60 वयस्कों के ऊपर किया गया जिन्हें सिर अथवा गर्दन का कैंसर था। उनके ऊपर किए गए प्रयोगों में ऐसे निष्कर्ष निकलकर सामने आए कि मुलेठी के जड़ का अर्क लाभदाई पाया गया।

mulethi roots

मुलेठी की जड़ का प्रयोग त्वचा की बीमारियों से छुटकारा  दिला सकता है

मुलेठी की जड़ के अंदर 300 से अधिक यौगिक पाए जाते हैं और जिनमें से कुछ यौगिक विभिन्न प्रकार के गुणों से भरपूर होते हैं। उनके अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। मुख्य तौर पर जानवर और टेस्ट ट्यूब बेबी में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि मुलेठी के अंदर पाए जाने वाले विभिन्न यौगिकों में मुख्य तौर पर ग्लाइसीर्रिज़िन इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रभाव के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए आप कह सकते हैं कि मुलेठी की जड़ त्वचा से संबंधित विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में काफी लाभकारी होती है। जिनमें मुंहासे और त्वचा पर पड़ने वाली झाइयां प्रमुख हैं। 2 हफ्ते तक 60 लोगों पर किए गए अध्ययन के अनुसार यदि आप ऐसे जल का प्रयोग करें जिसमें मुलेठी के जड़ इस्तेमाल किया गया हो तो इससे आपके झांइयों की समस्या में काफी राहत मिल सकती है। हालांकि मुख्य रूप से मुलेठी की जड़ युक्त जैल का प्रयोग मुहांसों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। लेकिन इससे संबंधित शोध एवं अध्ययन अभी काफी सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं।

मुलेठी की जड़ का अर्थ दांतों में लगने वाले कीड़े की समस्या से छुटकारा दिलाता है

मुलेठी की जड़ के प्रयोग से आप अपने दांतो में पैदा होने वाले कीड़ों से छुटकारा पा सकते हैं। 3 हफ्तों तक 66 बच्चों पर जो कि सभी स्कूल में जाने वाले बच्चे थे, एक अध्ययन किया गया जिसमें उन्हें सामान्य लॉलीपॉप की जगह एक ऐसी लॉलीपॉप दी गई जिसमें मुलेठी की जड़ का अर्क शामिल था और यह उन्हें पूरे 1 हफ्ते के लिए दिन में दो बार खाने को दी गई। एक हफ्ते बाद जब परिणाम निकाले गए तो यह सामने आया कि इन बच्चों के कैविटी में काफी कमी नोटिस की गई। टेस्ट ट्यूब के द्वारा किए गए अध्ययनों में भी ऐसा देखने को मिला कि मुलेठी की जड़ का अर्क दांत में कीड़ा पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ काफी अच्छी तरह से कार्य करता है और दांतों में कीड़ा लगने की समस्या को खत्म करने में मददगार होता है। हालांकि इस विषय में अभी और अधिक अध्ययन एवं शोध करने की आवश्यकता है। साथ ही यह भी जानने का प्रयास किया जाना चाहिए कि बच्चों के लिए मुलेठी की जड़ का कितना प्रयोग सुरक्षित है।

मुलेठी की जड़ सांस के रोगों से संबंधित बीमारियों में फायदेमंद होती है

मुलेठी की जड़ के अंदर पाए जाने वाले संक्रमण रोधी तत्वों के कारण इसका प्रयोग कई बार सांस की तकलीफ़ से पीड़ित लोगों इलाज के लिए काफी फायदेमंद सिद्ध होता पाया गया है। जानवरों के ऊपर किए गए अध्ययन के अनुसार मुलेठी की जड़ के अंदर पाए जाने वाले मुख्य यौगिक जिसका नाम ग्लाइसीर्रिज़िन  है, इस गुण के लिए उत्तरदाई होता है। इसके कारण अस्थमा के रोगी काफी हद तक ठीक होते देखे गए हैं। इसी कारण आयुर्वेदिक इलाज में तो मुलेठी की जड़ का प्रयोग अस्थमा और सांस संबंधित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि मनुष्य के ऊपर अभी बहुत कम अध्ययन उपलब्ध हैं। लेकिन मुलेठी की जड़ से जुड़ी गुणवत्ता के लिए अभी और गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है जिससे कि इस निष्कर्ष को पूरी तरह से प्रमाणित किया जा सके। सीमित टेस्ट ट्यूब और मनुष्य पर किए गए अध्ययन के अनुसार ऐसे परिणाम निकल कर सामने आएं हैं जिनके अनुसार मुलेठी की जड़ के प्रयोग से आप कई प्रकार से गले की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं जिनमें मुख्य रुप से गले में किसी प्रकार का संक्रमण और सूजन शामिल हैं।

मुलेठी की जड़ पाचन संबंधी अल्सर से छुटकारा दिलाने में कारगर होती हैं

हमारे पेट में पैदा होने वाला पेप्टिक अल्सर एक इस प्रकार का जख्म होता है जिसमें व्यक्ति को पेट में बहुत ज्यादा दर्द महसूस होता है। यह मुख्य तौर पर एच. पाइलोरी बैक्टीरिया से होने वाली सूजन के कारण पेट के निचले हिस्से अन्नप्रणाली अथवा छोटी आंत में विकसित हो जाता है। मुलेठी की जड़ का रस तथा इसमें पाया जाने वाला मुख्य यौगिक आपको इस अल्सर से छुटकारा दिलवाने में मददगार साबित हो सकतें हैं। एक अध्ययन के अनुसार ऐसा निष्कर्ष निकल कर सामने आया कि यदि पीड़ित व्यक्ति को 200 एमजी प्रति किलोग्राम के हिसाब से इसकी खुराक उपलब्ध करवाई जाए तो यह इस प्रकार के पाचन संबंधी अल्सर से आपको छुटकारा दिलवाने में मददगार साबित हो सकतें हैं। मनुष्यों के ऊपर 2 हफ्ते तक किए गए एक अध्ययन के अनुसार ऐसा सामने निकल कर आया कि यदि आप मुलेठी की जड़ के रस का प्रयोग लगातार करते हैं तो यह हमारे शरीर के अंदर से पाचन संबंधी अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया को काफी हद तक कम करने में मददगार साबित होता है। हालांकि इस विषय में अभी मनुष्य के ऊपर अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।

मुलेठी की जड़ से होने वाले कुछ अन्य संभावित फायदे

मुलेठी की जड़ का अर्क कई प्रकार के अन्य स्वास्थ्य से जुड़े फायदे भी हमें प्राप्त करवाता है, जिनमें से कुछ फायदे निम्नलिखित हैं

डायबिटीज से बचाव

चूहों के ऊपर 60 दिनों तक किए गए अध्ययनों के अनुसार ऐसा देखने में आया है कि मुलेठी की जड़ के अर्क का प्रयोग इनकी दैनिक आहार प्रणाली में करवाने से इनके रक्त में मौजूद रक्त शर्करा का स्तर और किडनी में होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमण की दर को काफी हद तक नियंत्रित की सीमा में लाया जा सका। परंतु मनुष्य मुलेठी की जड़ का डायबिटीज से जुड़ा परिणाम किस हद तक सकारात्मक हो सकता है इस विषय में अभी और अधिक अध्ययन एवं शोध करने की आवश्यकता है।

हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए प्रभावी

एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन के दौरान ऐसे निष्कर्ष निकल के सामने आए कि मुलेठी की जड़ में पाए जाने वाले मुख्य तत्व ग्लाइसीर्रिज़िन के प्रभाव के कारण यह हेपेटाइटिस सी से जुड़े वायरस को शरीर में फैलने से रोकने में सहायक होता है परंतु मनुष्य के ऊपर इसका प्रभाव किस हद तक प्रभावी होगा इससे जुड़े अध्ययन करने की अभी भी आवश्यकता है।

वजन कम करने में सहायक

कुछ अध्ययनों से ऐसे परिणाम भी देखने को मिलतें है कि मुलेठी की जड़ का रस बढ़  हुए वजन में कमी लाने में सहायक होता है। परंतु इस विषय में भी मनुष्यों के ऊपर इसका प्रभाव किस हद तक प्रभावी होगा, इससे जुड़े अध्ययन करने की आवश्यकता है।

मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में लाभदायक होती है

मुलेठी की जड़ का अर्क मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉट फ्लैश जैसी समस्या को कम करने में सहायक सिद्ध होता हैं। हालांकि इस पर किए गए शोध कम संख्या में है।

licorice roots

मुलेठी की जड़ से जुड़े संभावित नुकसान और सावधानियां

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार ऐसा माना गया है कि मुलेठी की जड़ इस्तेमाल करने के लिए मात्र तभी सुरक्षित है यदि इसका प्रयोग सीमित दायरे में किया जाता है। साथ ही मुलेठी की जड़ के साथ बनाया गया सप्लीमेंट तथा चाय बनाने में इसका प्रयोग एक हद तक सुरक्षित माना जाता है।  हालांकि यदि आप इसकी अधिक मात्रा प्रयोग में लाते हैं तो आप इसके बुरे प्रभावों का शिकार हो सकते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से मुलेठी की जड़ के प्रयोग को लेकर बेहतर होगा कि आप किसी विशेषज्ञ अथवा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

मुलेठी की जड़ के अधिक प्रयोग से होने वाले नुकसान

मुलेठी की जड़ का अधिक प्रयोग आपको कई प्रकार के बुरे प्रभावों से गुजरने पर मजबूर कर सकता है। मुलेठी की जड़ में पाए जाने वाला मुख्य तत्व जिसका नाम ग्लाइसीर्रिज़िन है, यदि इसका स्तर हमारे शरीर के अंदर बढ़ जाए तो यह हमारे भीतर तनाव से जुड़े हार्मोन कोर्टिसोल में असामान्य रूप से वृद्धि कर देता है जिसके कारण शरीर में उपस्थित तरल पदार्थों एवं इलेक्ट्रोलाइट का स्तर असंतुलित हो जाता है। इसके अतिरिक्त मुलेठी की जड़ की अधिक मात्रा नीचे दिए गए किसी भी प्रभाव को एक खतरनाक स्तर तक पहुंचा सकती है-

  • मांसपेशियों में कमजोरी लाना
  • उच्च रक्तचाप में वृद्धि करना
  • हृदय की धड़कनों का अनियंत्रित हो जाना
  • पोटेशियम का निम्न स्तर
  • हालांकि मुलेठी की जड़ से होने वाले विषैले प्रभाव बहुत कम संख्या में देखने को मिलते हैं। परंतु इसकी अधिक मात्रा आपके गुर्दे को खराब कर सकती है या फिर आपके हृदय को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • कभी-कभी मुलेठी की जड़ की अधिक मात्रा आपके फेफड़ों के अंदर पानी भरने के लिए जिम्मेदार भी हो सकती है। ऐसे लोग जो उक्त रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं या फिर जिनको किसी भी प्रकार से हृदय संबंधित रोग हैं या गुर्दे से संबंधित बीमारी है या फिर जिनके अंदर पोटेशियम का स्तर काफी निचले स्तर पर रहता हो।
  • गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं मुलेठी के जड़ के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि यह इनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मुलेठी के अंदर पाए जाने वाला तत्व ग्लाइसीर्रिज़िन गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के दिमाग की संरचना पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

दवाओं के साथ मुलेठी के जड़ का गठजोड़

मुलेठी की जड़ को कई प्रकार की दवाओं के साथ प्रतिक्रिया करते हुए देखा जा सकता है जिनमें मुख्य रुप से निम्नलिखित बीमारियों से जुड़ी दवाएं शामिल होते हैं

  • खून को पतला करने के लिए ली जाने वाली दवाएं
  • नॉन स्ट्राइड वाली एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाएं
  • जिन गर्भनिरोधक गोलियों के अंदर एस्ट्रोजन पाया जाता है
  • रक्तचाप के लिए ली जाने वाली दवाएं
  • कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग में आने वाली दवाएं

यदि कोई भी व्यक्ति जो इस प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने के कारण दवाओं का सेवन कर रहे हों, उन्हें मुलेठी की जड़ के प्रयोग से पूरी तरह बचना चाहिए। परंतु यदि उन्हें किसी कारणवश अथवा किसी भी अवस्था में मुलेठी के जड़ का प्रयोग करना हो तो पहले अपने डॉक्टर अथवा विशेषज्ञ से सलाह मशवरा अवश्य करना चाहिए।

मुलेठी की जड़ की खुराक एवं रुप

  • एक सप्लीमेंट के तौर पर मुलेठी की जड़ों का अर्क कई प्रकार से बिक्री की दुकानों पर उपलब्ध है। इसमें से मुख्य तौर पर कैप्सूल, पाउडर, जैल और चाय के मसाले के रूप में शामिल है। मुलेठी की जड़ को सीधे तौर पर भी किसी भी दुकान से खरीदा जा सकता है। यह आप को बड़ी आसानी से सूखी हुई या ताजी अवस्था में मिल जाएगी।
  • अभी तक इसके इस्तेमाल को लेकर किसी प्रकार की खुराक की मात्रा निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजशन के अनुसार मुलेठी में पाए जाने वाले मुख्य तत्व ग्लाइसीर्रिज़िन के कारण इसकी 100 एमजी प्रतिदिन से अधिक की मात्रा का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए जो लोग मुलेठी की जड़ वाले उत्पादों का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, वह मुलेठी की जड़ का बताई गई मात्रा से अधिक सेवन कर लेंते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है ‌।
  • आपको उन सभी उत्पादों पर (जिनमें मुलेठी के जड़ इस्तेमाल किया गया हो) लिखी गई मात्रा को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए, उसके पश्चात ही इस प्रकार के किसी भी उत्पाद को प्रयोग करना चाहिए। साथ ही इस प्रकार के उत्पादों का प्रयोग करने से पूर्व आपको अपने डॉक्टर अथवा विशेषज्ञ से इस विषय में अच्छे से चर्चा जरूर करनी चाहिए।
  • कुछ उत्पाद, जिनमें मुलेठी की जड़ का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें  मुलेठी में पाए जाने वाले मुख्य तत्व ग्लाइसीर्रिज़िन की मात्रा से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाता है। जिसके कारण मुलेठी की जड़ से होने वाले दुष्प्रभावों को भी एक हद तक नियंत्रित कर लिया जाता है। परंतु मुलेठी की जड़ में पाया जाने वाला यह मुख्य तत्व ग्लाइसीर्रिज़िन ही मुलेठी में पाए जाने वाले गुणों के लिए भी उत्तरदाई माना गया है। इसी कारण मुलेठी को प्रयोग करने से पहले किसी जानकार डॉक्टर अथवा विशेषज्ञ से सलाह करना अति आवश्यक माना गया है।

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