ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष अनुसार क्या खाना खाएं?

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जिन व्यक्तियों का सूर्य उनकी कुंडली में कमजोर होता है वह खाने में अधिक नमक का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से उन्हें हड्डियों में कमजोरी, दिल की बीमारियां, आँखों की परेशानी और पेट की बीमारियों की आशंका रहती है। जिस व्यक्ति का सूर्य बलशाली होता है वह पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाता है तथा उसमें आत्मविश्वास की कमी कभी नहीं होती। साथ ही ऐसे लोगों को सरकार तथा समाज का सहयोग हमेशा मिलता है। गेंहू, गुड और दही खाने से (विशेषकर दोपहर के वक़्त) सूर्य मज़बूत होते हैं. यदि ताम्बे के पात्र में पानी पी सकें तो और भी अच्छा.

चंद्र के कमजोर होने से व्यक्ति अधिक चावल खाना पसंद करता है. ऐसे लोग ज्यादातर बहुत संवेदनशील होते हैं तथा बुजुर्ग औरतों के साथ उनका वाद विवाद रहता है। ऐसे व्यक्तियों को रात में दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसे व्यक्तियों को पानी का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए. खाने में चावल का सेवन करना चाहिए. यदि चांदी के गिलास में पानी पी सकें तो अति-उत्तम.

चन्द्रमा का बल बढाने के लिए गन्ना, दूध और दूध से बने पदार्थ, चीनी, आइसक्रीम और मिठाइयों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर होता है उन्हें बहुत गर्म तथा मसालेदार खाना अच्छा लगता है। साथ ही ऐसे लोग मांसाहार के बहुत शौकीन होते हैं। यदि इन्हें मांसाहार ना मिले तो यह किसी पार्टी में भी जाना पसंद नहीं करते। ऐसा देखा गया है कि इन्हें हलवा खाना भी अत्यंत प्रिय होता है। कुंडली में मंगल बलशाली होने पर व्यक्ति शाकाहार की तरफ बढ़ते हुए देखा गया है। लालमिर्च, मसूर की दाल का सेवन करने से और हनुमान जी के प्रसाद में चढने वाली बूंदी खाने से मंगल ग्रह मज़बूत होते हैं. आपकी कुंडली में यदि मंगल अशुभ है तो अपने भोजन में अनार, जौ और शहद का उपयोग कर सकते हैं।

बुध ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति को अंडे खाने का बहुत शौक होता है। सामान्यतया ऐसे लोगों की याददाश्त कमजोर होती है तथा इनके नर्वस सिस्टम में भी कमजोरी होती है। देखा जाता है कि कई बार यह लोग दिमाग से अच्छा निर्णय नहीं करते। बुध को बलशाली बनाने के लिए हरे पत्ते की सब्जियां, मसालों में धनिया, अंकुरित मूंग खानी चाहिए.

in jyotish garlic denotes ketu and red chilly denotes mars

कमजोर शुक्र ग्रह व्यक्ति को देसी घी में बनी वस्तुएं तथा दही का शौक पैदा कराता है। इन लोगों को मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है। इन लोगों को सौंफ खाने का भी शौक होता है तथा यह ज्यादातर खुशबूदार खाना पसंद करते हैं। शुक्र ग्रह जब नीच का हो जाये तो त्रिफला, दाल चीनी, मिश्री, मूली, कमलगट्टा और सफेद शलजम का प्रयोग करना चाहिए।

बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति को चने की दाल तथा बेसन अत्यंत प्रिय होता है। इन लोगों को पीले रंग की वस्तुएं तथा केला खाने का भी शौक होता है। कमजोर बृहस्पति व्यक्ति को अपने से बड़ों से मान सम्मान तथा सहारा नहीं दिलाता। बृहस्पति मज़बूत बनाने के लिए हल्दी  का सेवन करना चाहिए.

कमजोर शनि वाले व्यक्ति को काली उड़द की दाल, शराब, मांस तथा अन्य व्यसन सामग्री का शौक होता है। यह लोग ज्यादातर ठंडा तथा कड़वा खाना पसंद करते हैं। इनके शरीर में अक्सर हड्डियों तथा पैरों में कुछ परेशानी अवश्य होती है। यह लोग किसी भी तरह की लंबी बीमारी से भी पीड़ित होते देखे गए हैं। गंजापन भी देखा जाता है. शनि के कमजोर होने से व्यक्ति अपना खाना कभी भी सही समय पर नहीं खा पाता। साथ ही इन लोगों की आदत होती है कि यह जब खाते हैं तब जरूरत से ज्यादा खाते हैं और खाने के तुरंत बाद सोना चाहते हैं। इन लोगों को अधिक चाय या कॉफी पीने का भी शौक होता है। शनि मजबूत करने के लिए मसलों में जीरा, काली मिर्च और लौंग का इस्तेमाल करना चाहिए. शनि को बलवान बनाने के लिए भोजन में तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में राहु कमजोर होता है उन्हें धूम्रपान करने का शौक होता है। साथ ही इन लोगों में मांस मदिरा तथा नशे की प्रवृति भी देखी जाती है। ज्यादातर इन लोगों का पेट बाहर होता है तथा शरीर में कई तरह के रोग होते हैं। इन लोगों की इच्छा शक्ति में भी कमी देखी गई है। इन लोगों को अक्सर दूसरों से धोखे का सामना करना पड़ता है। कुंडली में राहु के कमज़ोर होने पर मसालों का सेवन कम करना चाहिए तथा बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिये. यदि ऐसा व्यक्ति रसोईघर में बैठ कर खाना खाए तो राहु बलशाली होते हैं. साथ ही साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

कुंडली में केतु ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति को खट्टा चटपटा भोजन अच्छा लगता है। ऐसे व्यक्तियों को एसिडिटी, पेट की दिक्कत, बवासीर तथा नसों से जुड़ी कोई समस्या हो सकती हैं। केतु की पीड़ा से बचने के लिए उड़द, लहसुन, तिल और सरसों का प्रयोग लाभदायक रहता है।

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