अमित शाह ने हाल ही में मंत्रीपरिषद के गृह मंत्री पद की शपथ ली है। अब वे बीजेपी के अध्यक्ष होने के साथ साथ भारत सरकार के गृह मंत्री के रूप मे भी काम करते हैं। इस लेख में आपको उनके बचपन से लेकर अब तक के सबसे महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताया गया है जिसे जानकर आप दंग रह जायेंगे।
अमित शाह का जन्म 1964 में मुंबई में हुआ था। उनका जन्म एक धनवान परिवार में हुआ था। उनके पिताजी अनिलचन्द शाह एक अमीर व्यापारी थे। उनके दादाजी मनसा रियासत के नगरसेठ थे। उनकी बहन हमेशा बग्गी (घोड़ा गाड़ी) पर ही स्कूल जाती थी लेकिन वे स्कूल पैदल ही जाते थे। बचपन में उन्हें चांदी के बर्तनों में खाना परोसा जाता था।
उन्होंने अपना स्नातक बायोकेमेस्ट्री से किया है। हालांकि उनके परिवार का राजनीति से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं था. परन्तु फिर भी वे आज भारत के सबसे सफल राजनीतिज्ञों में से एक है।
अपने स्कूली दिनों के दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) के एक सक्रिय सदस्य थे। वे बचपन से ही आर. एस. एस. (RSS) से जु़ड़े हुए थे। अपने स्नातक के दौरान वे आर.एस.एस. से एक स्वंयसेवक के रूप में जुड़े।
1986 में अमित शाह बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन बीजेपी में शामिल होने से पहले वे एक स्टॉक ब्रोकर थे। 1995 में केशुभाई सरकार ने उन्हें ‘गुजरात राज्य वित निगम’ का अध्यक्ष नियुक्त किया।

जब तक देश के युवा देश को आगे नहीं बढ़ाते, देश तरक्की के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘न्यू इंडिया’ के स्वप्न को देश के युवा ही साकार कर सकते हैं.
उन्होंने 1982 में पहली बार अहमदाबाद में नरेन्द्र मोदी जी से मुलाकात की। उस समय मोदी जी आर. एस. एस. के एक मामूली से प्रचारक थे जो शहर में युवा गतिविधियों के प्रभारी के रूप में काम कर रहे थे।
अमित शाह ने 1991 में लाल कृष्ण आड़वानी के लिए तथा 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए चुनाव प्रचार किया। इससे उन्हें एक उत्कृष्ट चुनाव प्रबंधक और रणनीतिकार के रूप में उभरने में मदद मिली।
अमित शाह लगातार चार बार सरखेज विधानसभा चुनाव में सनसनीखेज जीत दर्ज कर चुके हैं- 1997. 1998. 2002. 2007 में
2002 के गुजरात विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की शानदार जीत के बाद, शाह को गृह, संसदीय मामलों और कानून तथा न्याय सहित कई प्रमुख विभागों का मुखिया बना दिया गया।
2010 में जब वे गृह मामलों के राज्य मंत्री थे तब उन पर दो फर्जी पुलिस एनकाउंटर मामलों को दबाने का आरोप लगाया गया था। और इन आरोपों ने उन्हे इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नही मिलने पर उन्हें बरी कर दिया गया।
उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सोहराबुदीन फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पाते हुए, गुजरात से दो साल के लिए हटा दिया गया था।
उन्होंने 2010 से 2012 तक दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ समय व्यतीत किया। और उनके साथ एकजुट होने का प्रयास किया। उन्होंने 2014 के चुनावों में बीजेपी को जीताकर एक शानदार वापसी की।
अमित शाह को उतरप्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया था। और वे अपनी पार्टी के लिए शानदार जीत सुनिश्चित करने में सक्षम रहे। उनकी देखरेख में बीजेपी को 80 में से 73 सीटे प्राप्त हुई।
शाह को जूलाई 2014 में बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। उनके नेतृत्व में बीजेपी महाराष्ट्र, झारखंण्ड, हरियाणा, और जम्मू कश्मीर में सत्ता हासिल करने में कामयाब रही।

हमेशा से अमित शाह, नरेन्द्र मोदी के करीबी विश्वासपात्र माने जाते हैं और उन्हें नरेन्द्र मोदी की सफलता के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। एक प्रमुख राजनीतिज्ञ होने की वजह से उन्हें सरकार द्वारा जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की जाती है।
अमित शाह गुजरात राज्य शतरंज संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2019 के चुनाव के बाद अमित शाह को मंत्रिपरिषद में गृह मंत्री नियुक्त किया गया है।