सिख धर्म के चौथे गुरु श्री रामदास जी का जीवन परिचय
गुरु रामदास जी सिखों के चौथे गुरु थे, जिनका जन्म लाहौर शहर के चूना मंडी नामक स्थान पर हुआ। गुरूजी के पिताजी...
शनिदेव की साढ़े-साती का श्रीकृष्ण पर क्या प्रभाव पड़ा?
भगवान श्री कृष्ण
ने दैविक वास्तुकार 'त्वाश्त्री' द्वारा स्वर्ण की नगरी द्वारका का
निर्माण करवाया था। द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण अपनी सोलह हजार स्त्रियों...
सिख धर्म के तीसरे गुरु श्री अमरदास जी का जीवन परिचय
गुरु अमरदास जी सिखों के तीसरे गुरु थे। उन्हें गुरु अंगददेव जी (सिखों के दूसरे गुरु) द्वारा 16 अप्रैल 1552 को 73...
तारा माँ के उपासक तांत्रिक “बामाखेपा” की साधना एवं शक्तियां
"बामाखेपा" के नाम से जुड़ा रहस्य
यद्यपि बामाखेपा, विशेष रुप से देवी काली की पूजा करने...
ऋषि अगस्त्य के जीवन से जुड़ी अद्भुत और रहस्यमयी कथाएं
ऋषि अगस्त्य के जन्म से जुड़ी अद्भुत कथा
एक बार एक समय पर मिथरा (सूर्य)...
जानिये श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी त्रिगुणितानंद की प्रेरणादायक जीवन गाथा
स्वामी त्रिगुणितानंद का प्रारंभिक जीवन
स्वामी त्रिगुणितानंद को बचपन में आमतौर पर 'शारदा प्रसन्ना मित्रा' के...
सिख धर्म के नौंवे गुरु श्री तेग बहादुर जी का जीवन परिचय
गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे। सिख उन्हें 'श्रृष्टि दी चादर (मानवता के रक्षक)' और हिन्द दी चादर (हिन्दुस्तान...
सिख धर्म के दूसरे गुरु श्री अंगद देव जी का जीवन परिचय
गुरु अंगद देव जी सिखों के दूसरे गुरु थे । उनके बचपन का नाम लेहना था और उनका जन्म 1504 में पंजाब...
छठ पूजा के बारे में जानिये ये अद्भुत बातें
छठ पर्व मूल रूप से सूर्य देवता की आराधना का पर्व है, जिसे हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। सूर्य की शक्तियों का...
श्री ललिता त्रिपुरसुन्दरी देवी द्वारा सृजन & भंडासुर से युद्ध की तैयारी
श्री ललिता त्रिपुरसुन्दरी देवी ने भंडासुर नाम के अति-शक्तिशाली दानवराज को परास्त करने के लिए अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों से कई...