ये 25 टिप्स हर नई नर्स के लिए जानना ज़रूरी है

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बहुत सारी नई बनी हुई नर्स इसी सोच में रहती हैं कि किस प्रकार से मरीजों से पेश आया जाए. किस प्रकार काम करें कि डॉक्टर भी खुश रहे और मरीज़ भी. जिन्होंने अभी-अभी अपना कोर्स पूरा किया है, उनका पहला पूरा साल इस सोच में बीत जाता है कि, कहीं कुछ रह तो नहीं गया । एक अच्छी नर्स बनने के लिए आपका व्यावहारिक रूप से संतुलित रहना भी आवश्यक है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे ‘टिप्स’ जो आपको सफल बनने में मदद करेंगे। आपको नर्स के रूप में अपनी पहली भूमिका शुरू करते समय इन्हें जरुर अपनाना चाहिए –

  • आपको पूरी तरह से निश्चिन्त कभी भी नहीं रहना है। सावधानी हटी और दुर्घटना हटी, यह हमेशा ध्यान रखें – खासतौर पर आपके प्रोफेशन में। यह तरीका आपका सबसे अच्छा सहयोगी होगा और यह आप को गलतियां करने से रोकेगा ।
  • प्रश्न पूछने से डरे नहीं। हम सभी के पास अपने सीनियर से या सहकर्मी से अपनी जिज्ञासा शांत करने का विकल्प होता है। कुछ गलत करने से पहले सवाल पूछना बेहतर होगा। खुद पर ज़रूरत से ज्यादा मिथक विश्वास न करें – ख़ास तौर पर तब जब आपको किसी डॉक्टर की हस्तलिपि नहीं समझ आ रही या दवा की कोई डोज़ आपको क्लियर नहीं है।
  • मरीजों की कड़वी बातों का न तो बुरा मानें, ना दिल से लगायें। हो सकता है उन्होंने भावावेश में या अवसाद से ग्रस्त हो कर ऐसा कर दिया हो। आप अपना व्यक्तित्व बनाये रखें।

जीवन की आखिरी सांस लेते वक़्त नर्स साथ होती है, जीवन की पहली सांस लेते समय भी नर्स साथ होती है. जन्म का उत्सव मनाना ज्यादा सुखद है, पर किसी को मृत्यु के समय सांत्वना देना भी उतना ही ज़रूरी है.

– क्रिस्टिन बेल

  • अपने आहार और पोषण का पूरा ध्यान रखें। अक्सर देखा जाता है कि सेवा करते करते नर्सेज अपना ही ध्यान रखना भूल जाती हैं। ऐसा न करें क्योंकि आपके काम की गुणवत्ता इससे प्रभावित होगी।
  • जब आप काम ना कर रहें हो तो आराम करना सीखें। जब आप पहली बार किसी ज़िम्मेदारी को लेते हैं तो आप उससे जुड़े हर छोटी-बड़ी बात के बारे में जरूरत से ज्यादा चिंता करते हैं, पर समय के साथ यह ठीक हो जाएगा। आराम करने से आपका शरीर स्फूर्तिमय हो जायेगा और आपका ध्यान पूरी तरह से काम पर लगेगा।
  • अंतरात्मा की आवाज सही होती है। आप का प्रोफेशन भलाई और करुणा का है। आपको अपने मरीजों के साथ प्यार से व्यवहार करना चाहिए। आप अपने मरीज के साथ दिन के 8-12 घंटे बिताते हैं और अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भरोसा करना सही होता है।
  • गपशप ना करें। यदि आप ऑनड्यूटी है तो बेकार की, फ़िज़ूल की, बिलकुल टाइम-पास गपशप न करें और यदि गपशप करना चाहते हैं तो स्कूल में वापस चले जाएं। मज़ाक करना गलत नहीं है पर बिलकुल बेसिरपैर की बात करने से आपका अपना वजूद ही कम होगा, और कुछ नहीं।
  • ड्यूटी पर समय से 10 मिनट पहले आने की चेष्टा करें। यदि आप समय से पहले नहीं है तो आप देरी से हैं। रोगी की अच्छी देखभाल के लिए सही समय प्रबंधन आवश्यक है।
  • सब कुछ लिखने की आदत डालें या फिर प्लानर का उपयोग करें। आप जो भी सुनते हैं उसका 80 परसेंट भूल जाते हैं। इसमें कोई संदेह की बात नहीं है। अपने दिन की योजना पहले से बनाना सबसे महत्वपूर्ण है। लिख कर रखने से आप हर मरीज़ के लिए दिए गए सभी आर्डर पूरे कर सकेंगे।
  • यदि कोई इमरजेंसी की नौबत नहीं है तो कृपया जल्दबाजी ना करें। यदि आप जल्दबाजी करेंगे तो गलती करने की संभावना अधिक हो जाएगी।
  • अव्वल तो गलतियां ना होने दें। यदि हो जाएँ तो गलतियों पर बहुत ज्यादा ध्यान ना दें। उनसे सीखें ज़रूर। आप गलतियां करेंगे, इसकी उम्मीद भी है, लेकिन आप जब भी गलती करें तो उससे सीख लेकर आगे बढ़ जाए। ना कि गलती वाली घटना को दिल से लगा कर रखें और अवसाद में डूब जाएँ।
  • अपनी ड्यूटी के हर मिनट कुछ कार्य करें। मरीजों के इलाज से सम्बंधित हर कदम को पूरा करें। और सुनिश्चित करें कि आप ड्यूटी के दौरान हर पल का सदुपयोग करते हैं।
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  • यदि आपसे न हो सके तो अतिरिक्त काम और ओवरटाइम को ना कहना सीखें। सही नर्सिंग सामान्य जीवन और कामकाज के बीच सही संतुलन बनाने से होती है।
  • जल्द ही अपने लिए एक शुभचिंतक को खोजें और उससे अपने लिए फीडबैक लें। हो सकता है कि आपका शुभचिंतक आपका गुरु ना हो और आपको किसी और के साथ बात करने की आवश्यकता पड़े जो आपको सही फीडबैक दे सके।
  • अपने आप को उन लोगों के साथ रखें जिन्हें नर्सिंग से प्यार है। अपनी नौकरी से प्यार करें उस का आनंद उठाएं और किसी भी तरह की नकारात्मकता को उसे बर्बाद ना करने दें।
  • समय हमेशा एक सा नहीं होता। अगर परिस्थितियां आपके अनुकूल नहीं हैं, तो भी नौकरी बदलने की जल्दबाजी ना करें। जो लोग टिक कर एक जगह कार्य नहीं कर सकते वे कहीं भी नहीं कर सकते। थोडा समय दें हो सकता है सब कुछ ठीक हो जाए।
  • अपने रोगी की वकालत करते समय कभी पीछे ना हटें। हमारे मरीज हमारी पहली प्राथमिकता हैं।
  • नौकरी को बचाए रखने के लिए एक टीम के खिलाड़ी की तरह सोच रखें और योगदान दें अन्यथा नौकरी को बचाना मुश्किल होगा।
  • आपकी मदद करने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद करें। इसमें कैंटीन स्टाफ, ट्रांसपोर्ट ड्राइवर, सफाई कर्मचारी, इंटर्न डॉक्टर, सीनियर डॉक्टर, मरीज़ के रिश्तेदार और कई और लोग भी शामिल है। याद रखें यह सब आपकी टीम है।
  • अपने नर्सिग सहायकों से दोस्ती करें। वे ज्ञान के भण्डार हैं। उनका बुद्धिमानी से उपयोग करें और उनकी दया का दुरुपयोग ना करें। अपने देखभाल सहायकों की सराहना किया करें।

ज़्यादातर हम एक स्पर्श, एक मुस्कराहट, एक मर्मस्पर्शी शब्द, एक आशाजनक भरोसा, एक देखभाल के कृत्य को अनदेखा करते हैं या कम करके आंकते हैं, पर इन सभी में जीवन की दिशा बदलने की शक्ति होती है।

-लियो बुस्काल्गिया

  • अपने कार्य को खुशनुमा रहकर करें ना कि बोझिल हो कर। याद रखें मुस्कराहट की कोई कीमत नहीं होती और ये बेशकीमती होती है। तनाव कम करने के लिए आप आस पास मुस्कराहट फैला सकते है।
  • हमेशा पॉजिटिव और आशाजनक शब्द बोले।
  • किसी की आलोचना ना करें। कई बार मरीज़ आपसे अपने घर के सदस्य की तरह बातें करना चाहते हैं और आपको अन्तरंग बातें बताते हैं। आपको उनकी बातें सुननी चाहिए पर किसी मज़बूत आलोचना से बचना चाहिए।
  • अपनी ड्यूटी से सम्बंधित काम करने के लिए माफी ना मांगे – जिसमें आधी रात में डॉक्टर को बुलाना भी शामिल है।
  • कभी भी कुछ नया सीखना बंद ना करें। आपको ज्ञान और जानकारियां बढानी चाहिए और कैरियर में उन्नत करनी चाहिए। आप पेशे के विकास में योगदान कर सकते हैं।
  • नर्सिंग २४ घंटे का पेशा है। सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए काम ना करें। नर्सिंग में आपको दिल से मरीजों की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए। यदि आपको आवश्यकता हो तो गैर-आवश्यक कार्य करने से पीछे ना हटें।

1 COMMENT

  1. Ham bharteey din prtidin laparwah hote ja rahe hai aap dwara likha ye lekh sabhi prakar ki manviy seva dene walo me apne kam k prati jimmedar rane k liye prrerit karega
    Thanks

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