भारत में पुरूषों की क्रिकेट लंबे समय से बहुत ज्यादा लोकप्रिय है और यह भारत के सभी क्षेत्रों में देखा जाता है। लेकिन भारत में महिलाओं की क्रिकेट इतनी ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। यह वर्ष 2017 का महिला विश्वकप का प्रसारण था जिसने लोगों की महिला क्रिकेट से जुड़ी भावनाओं को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। और इस प्रसारण के बाद भारतीय महिला क्रिकेट भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गया। इस लेख में हम आपकों केवल कुछ चुनिंदा तथ्यों के बारे में ही बताएंगे।
2009 में आस्ट्रेलिया में आयोजित आईसीसी विश्वकप के दौरान हरमनप्रीत कौर ने मेजबान के खिलाफ एक इतना बड़ा छक्का मारा कि उनके बल्ले को जाँच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाना पड़ा। हरमनप्रीत कौर को एक डोप परिक्षण से भी होकर गुजरना पड़ा। क्योंकि आधिकारियों को शक था कि उसने किसी खरतनाक शक्ति का इस्तेमाल किया है।
सात साल तक (2000-2007 के बीच) भारतीय क्रिकेट की स्टार मिताली राज को एक बार भी टीम से बाहर नहीं निकाला गया।
दीप्ती शर्मा(160 गेंदो में 188 रन) और पूनम राउत (116 गेंदों में 102 रन) एकदिवसीय क्रिकेट में 300 रनों की साझेदारी करने वाली पहली महिला क्रिकेट खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने 2017 मे दक्षिण अफ्र्रिका में आयोजित चतुष्कोणीयं श्रंखला में आयरलैण्ड के खिलाफ 320 रन की सांझेदारी की।

17 वर्षीय स्मृति मंधाना घरेलू क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी। वह एक ऐसे बल्ले के साथ खेली थी जो मूल रूप से राहूल द्रविड़ का था। राहूल द्रविड़ ने इसे अपने खेल के दिनों में अपने एक जूनियर, जिसका नाम श्रवण था, को उपहार में दिया था श्रवण, वास्तव में स्मृति मंधाना का भाई है।
स्मृति मंधाना एक प्राकृतिक रूप से दाहिने हाथ की खिलाड़ी है। लेकिन उन्होंने बाये हाथ से खेलना शुरू कर दिया क्योंकि इनके पिताजी बायें हाथ की बल्लेबाजी जानते थे। स्मृति का सबसे पसंदीदा खिलाड़ी भी बाये हाथ से ही खेलता है और उस खिलाड़ी का नाम कुमार संगकारा है।
झूलन गोस्वामी की पहली पसंद हमेशा से फुटबाल ही रही है। वह डिएगो मेरेडोना की एक बहुत बड़ी प्रशंसक है और वह बहुत ज्यादा दूखी हुई थी जब 1990 के फीफा विश्वकप में अर्जेंटीना, जर्मनी से हार गया था। झूलन अपनी हर किताब पर मेरेडोना का नाम लिखती थी।
हरमनप्रीत के पिता ने उसके लंबे बालों को काटने के कारण उससे कई महीनों तक बात नहीं की। हरमनप्रीत ने अपने बालों को इसलिए काट लिया क्योंकि वह हर रोज क्रिकेट अभ्यास के बाद इसे धोने के लिए परेशान हो रही थी। लेकिन आखिर में बेटी के खेल के प्रति दिलचस्पी और समर्पण देखकर हरमनप्रीत के पिता ने उससे बात करना शुरू कर दिया ।
2017 के आईसीसी विश्वकप के दौरान एक किताब ‘द एसेंशियल रूमी’ को पढते वक्त एक तस्वीर वायरल हो गई थी, लेकिन क्या आप जानते है कि मिताली और किताबों का आपस में एक गहरा नाता है। यह सब कुछ सिडनी शेल्डन (एक प्रसिद्ध लेखक) की एक किताब के साथ शुरू हुआ, जो एक वरिष्ठ ट्रेनर द्वारा मिताली को एक ट्रेन यात्रा के दौरान मिली थी। शेल्डन की किताबें भारतीय कप्तान को हमेशा पसंद आती है।

भारत में महिला क्रिकेट की स्थापना एक पुरूष के द्वारा की गयी थी। लखनऊ के महेन्द्र कुमार शर्मा ने 1973 में महिला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (WCAI) का गठन किया। महिला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने भारत में महिला क्रिकेट को 2006 तक चलाया जिसके बाद वह ICC के फैसले के बाद BCCI मे विलय हो गया।
COA की सदस्य तथा भारतीय टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने अपनी किशोरावस्था में अपनी रिहाईशी कालोनी में क्रिकेट खेलते वक्त अपने आगे के चार दांत गवां दिये थे। लेकिन यह घटना उन्हें एक क्रिकेटर बनने से नहीं रोक पाई।
मिताली राज एकदिवसीय क्रिकेट के डेब्यू (अपने पहले मैच) मे शतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की महिला क्रिकेटर है। इन्होंने मिल्टन कीन्स में 1999 में आयरलैण्ड़ के खिलाफ 16 साल की उम्र में 114 रन की पारी खेली थी।
ओपर पूनम राउत को मुंबई की अंडर-14 लडकों की टीम में शामिल किया गया था जब वह 12 साल की थी। राउत के कोच ने उन्हें लडकों के बीच अपने कौशल का परिक्षण करने के लिए ट्रायल के लिए भेजा था।