Home विज्ञान और टेक्नोलॉजी क्या आप ‘एंजाइना’ के रोगी हैं? जानिये ये वैज्ञानिक बातें.

क्या आप ‘एंजाइना’ के रोगी हैं? जानिये ये वैज्ञानिक बातें.

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एंजाइना एक बहुत ही घातक रोग है। पूरे विश्व भर में हर साल बहुत सारे लोग इस बीमारी की वजह से मारे जाते हैं। यह बीमारी अपने आप में ही इतनी बड़ी है कि इसकी चपेट में बुजुर्गों के साथ साथ जवान लोग भी आ जाते हैं। विश्व भर में यह रोग अपने पैर पसार चुका है। भारत में भी लाखों लोग हर साल इस बीमारी के कारण मारे जाते हैं। दिल का दौरा पड़ना भारत में बहुत ही आम बात हो गई है, कई बार ऐसा देखा गया है कि दिल का दौरा एंजाइना के कारण ही पड़ता है। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें दिल से जुड़ी समस्याएं वास्तव में एनजाइना के कारण ही शुरू हुई होती हैं। परंतु यह बहुत दुख की बात है कि आज भी बहुत से लोग इस भयंकर बीमारी और इसके दुष्परिणामों से अवगत नहीं हैं। जिसके कारण वह इसे गंभीरता से नहीं लेते तथा समय रहते उचित इलाज न करवाने के कारण कई बार उनकी मौत भी हो जाती है। आज के समय में इस बात की आवश्यकता है कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक बनाया जाए ताकि वह समय रहते हैं इस बीमारी को जानकर, इसके प्रति सजग होकर जरूरी कदम उठा सकें। यदि आप भी एनजाइना की बीमारी के परिणामों से अवगत नहीं हैं और यदि आप इस बीमारी के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िएगा।

एंजाइना बीमारी क्या होती है ?

एंजाइना को मेडिकल भाषा में इस्केमिक चेस्ट पेन (Ischemic Chest Pain) कहा जाता है। इसका तात्पर्य है हमारी छाती में उठने वाले आकस्मिक दर्द से होता है। हमारा दिल लगातार अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य करता रहता है। दिल के इस कार्य करने की क्षमता के कारण हमारे शरीर को एक निश्चित खून की सप्लाई सुनिश्चित होती है। जब किसी कारणवश रक्त का प्रवाह हमारे दिल तक नहीं पहुंच पाता तो हमारा दिल काम करना बंद कर देता है इससे हमारी छाती में एक जोर से दर्द पैदा होता है। दिल को रक्त की सप्लाई बंद होने से दिल का दौरा भी पड़ सकता है तथा कई बार छाती में बहुत तेज का दबाव भी महसूस होता है। कई बार यह दर्द कुछ ही समय में अपने आप ही ठीक भी हो जाता है; लेकिन कई बार यह दर्द बहुत ही भयानक रूप लेकर हमें भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है तथा हमारे लिए कई परेशानियां खड़ी कर सकता है।

एनजाइना कितने प्रकार का होता है ?

एंजाइना एक घातक बीमारी है और बेहद अफसोस की बात है कि इतनी गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी अभी तक लोगों को इसके बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है। यह संभव है कि ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी ना हो की एनजाइना भी कई प्रकार के होते हैं। इसी जानकारी के अभाव में जब किसी को सीने में दर्द उठता है तो उसके लिए यह निश्चित कर पाना मुश्किल हो जाता है कि उसको एनजाइना का कौन सा प्रकार है। यहां इस बात की जानकारी नीचे लिखी जा रही है की एंजाइना कितने प्रकार के होते हैं।

एनजाइना मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –

  1. स्टेबल एंजाइना– यह एनजाइना का सबसे साधारण प्रकार है। मुख्य रूप से यह है अधिक शारीरिक श्रम करने या अत्यधिक तनाव लेने के कारण होता है। आमतौर पर यह कम घातक होता है। जब इस प्रकार के एनजाइना से हमारे सीने में दर्द उठता है तो वह कुछ ही मिनटों के बाद वह दर्द खुद ही नॉर्मल हो जाता है। कई बार आराम करने से भी इस दर्द में राहत मिल जाती है। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार यह हार्ट अटैक कि श्रेणी में नहीं आता, लेकिन इसके द्वारा हम इस बात की संभावना को प्रबल मान सकते हैं कि आने वाले समय में यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। यदि आप इस प्रकार के दर्द को कभी भी महसूस करें तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिलकर इस दर्द के विषय में बात करें तथा उनकी सलाह लें।
  2. अनस्टेबल एंजाइना– जिस प्रकार स्टेबल एंजाइना कुछ ही समय में ठीक हो जाता है, ठीक उसके विपरीत अनस्टेबल एंजाइना एक बहुत ही असाधारण स्थिति उत्पन्न करता है। अनस्टेबल एंजाइना में सीने में उठने वाला दर्द कई बार आराम करने के बावजूद भी ठीक नहीं होता। इसमें लगातार आपके सीने में दर्द उठता रहता है। कई बार यह बहुत लंबे समय तक बना रहता है तथा कई बार यह रुक रुक कर आपको परेशान करता रहता है। अनस्टेबल एंजाइना में दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है। यदि आपको इस प्रकार के दर्द का अनुभव हो तो आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपनी परेशानी उनके साथ साझा करनी चाहिए।
  3. माइक्रोवैस्कुलर एंजाइना- यह भी एनजाइना का एक घातक प्रकार है। जिसमें हमारे दिल तक रक्त को पहुंचाने वाली छोटी धमनी शामिल होती है। कई बार जब हमारी धमनी में किसी ब्लॉक की वजह से खून का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो पाता तो हमारी छोटी धमनी ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाती। इसी वजह से जहां पर ब्लॉक हुआ है उसी स्थान पर हमें दर्द महसूस होने लगता है। माइक्रोवस्कुलर एंजाइना में उठने वाला दर्द दस मिनट तक बना रह सकता है। एंजाइना का यह प्रकार महिलाओं में अत्याधिक देखने को मिलता है तथा महिलाओं के अंदर दिल का दौरा पड़ने की यह एक बड़ी वजहों में से एक है।
  4. वेरिएंट एंजाइना– एनजाइना का यह प्रकार ऊपर दिए गए तीन प्रकारों से बिल्कुल अलग है। इस प्रकार के एनजाइना से सबसे कम लोग पीड़ित होते हैं। यह एक अचानक और रात में होने वाली प्रक्रिया है। जब कोई व्यक्ति रात के समय सो रहा होता है या आराम की मुद्रा में होता है तो अचानक से उसके दिल की धमनियां सिकुड़ने लगतीं हैं, जिसकी वजह से उसे सीने में एक बहुत तेज दर्द का अनुभव होने लगता है। कई बार इस प्रकार का एनजाइना आकस्मिक हार्ट अटैक का कारण भी बन जा सकता है।

एंजाइना के लक्षण क्या है ?

जैसा कि हम जानते हैं कि हर प्रकार की बीमारी अपनी बुनियादी शुरुआत में शरीर के अंदर कुछ ना कुछ लक्षणों को जरूर उत्पन्न करती है। जिसके माध्यम से हम यह पता लगा सकते हैं कि हमें किस प्रकार का रोग है तथा वह रोग हमारे शरीर के किस हिस्से से संबंधित है। एंजाइना भी इससे अलग नहीं है। इसी प्रकार एंजाइना की बीमारी भी अपनी शुरुआत चरण में कुछ लक्षण उत्पन्न करती है, इन शुरुआती संकेतों को अगर हम समझ लें तो हम यह पता लगा सकते हैं की हमें एंजाइना की शुरुआत हो चुकी है अथवा नहीं। यदि किसी भी व्यक्ति को नीचे लिखे हुए लक्षण अपने शरीर में नजर आए तो उसे तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर के द्वारा प्रस्तावित जांच के माध्यम द्वारा इस निष्कर्ष पर निकलना चाहिए कि उसे कोई बीमारी तो नहीं है :-

  1. छाती में दर्द और घबराहट महसूस होना– छाती में दर्द होना एंजाइना का आम लक्षण है। आमतौर पर घबराहट होना भी एंजाइना में एक साधारण सी बात है। लेकिन जरूरी नहीं कि एंजाइना की बीमारी में घबराहट और छाती का दर्द साथ साथ ही हों। इसलिए अगर आपको अक्सर घबराहट होती है तो इसे आप को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा तुरंत ही अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उसके द्वारा बताए गए उपायों को अपनाना चाहिए।
  2. सांस लेने में तकलीफ होना– कई बार हमें सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगती है। कई लोग इसे थकावट का नाम देकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बार बार आपके सामने आती है तो आपको किस नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि सांस लेने में तकलीफ महसूस होना भी एनजाइना का एक लक्षण है।
  3. पेट दर्द या उल्टी करने जैसा महसूस होना– हमारे शरीर में पेट अनेक बीमारियों के शुरू होने का कारण होता है, क्योंकि हमारे द्वारा खाया गया असंतुलित आहार हमारे लिए परेशानी का कारण बन जाता है। इसी असंतुलित आहार के कारण हमारा पेट खराब रहने लगता है जिसके कारण कई अन्य बीमारियों की शुरुआत होने लगती है। यह बात एंजाइना पर भी लागू होती है। रिसर्च के माध्यम से यह देखा गया है कि कई लोगों में एंजाइना की शुरुआत पेट के खराब होने के कारण उससे उत्पन्न होने वाले वाले दर्द की वजह से होती है।
  4. पसीना आना– वैसे तो पसीना आना हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन कई बार किसी व्यक्ति को बहुत अधिक पसीना आने लगता है। अत्यधिक पसीना आना भी एंजाइना का एक लक्षण होता है तथा अगर किसी को भी इस प्रकार जरूरत से अधिक पसीना आता है तो उसे तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच करवानी चाहिए।
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एंजाइना होने के क्या कारण होते हैं ?

एंजाइना होने के मुख्य रूप से पांच कारण होते हैं। यह पांच कारण निम्नलिखित हैं :-

  1. दिल की मांसपेशियों तक खून का ना पहुंच पाना– एंजाइना की बीमारी मुख्य रूप से दिल की मांसपेशियों तक रक्त के बहाव के प्रभावी ढंग से ना होने के कारण होती है। अगर हम अपने शरीर में पनप रहे इन लक्षणों को भली-भांति से और समय रहते जान लें तो एंजाइना जैसी गंभीर बीमारी को समय रहते ठीक किया जा सकता है, क्योंकि एक बार जब यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है तो यह अत्यंत घातक हो जाती है।
  2. सी. ए. डी. का होना– सी ए डी से तात्पर्य है “कोरोनरी हार्ट डिसीज़” अर्थात “हृदय संबंधी रोग”। एंजाइना की बीमारी उन लोगों में होने की आशंका काफी अधिक होती है जो लोग पहले से हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होते हैं या जिनके परिवार में ह्रदय रोग की हिस्ट्री रही है। ऐसे लोगों को इस बीमारी के प्रति मुख्य रूप से सावधान रहना चाहिए। समय समय पर जांच और अपने डॉक्टर की सलाह को हमेशा ध्यान रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की समस्या महसूस होने पर उन्हें तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  3. डायबिटीज का होना– यह तो हम सभी जानते ही हैं कि डायबिटीज स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं को उत्पन्न करती है। इसी प्रकार किसी डायबिटीज के मरीज को एंजाइना के होने का ख़तरा काफी बढ़ जाता है। इस बीमारी से बचने के लिए डायबिटीज के मरीज को अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए तथा अपने डॉक्टर को अपने अंदर हो रहे किसी भी अवांछित बदलाव को तुरंत साझा करना चाहिए जिससे कि आपका डॉक्टर समय रहते हैं आप के लक्षणों को पहचान कर एंजाइना की रोकथाम कर सकें।
  4. शरीर के वजन का अधिक होना – हमारे शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ जाना बहुत सी बीमारियों को जन्म देता है। यह बात एंजाइना के ऊपर भी लागू होती है। एक विशेष अध्ययन के माध्यम से यह बताया गया है कि जिन लोगों का वजन अधिक होता है उनमें एंजाइना होने का खतरा भी अधिक होता है इसलिए हमें अपने शरीर के वजन को संतुलित रखना चाहिए।
  5. धूम्रपान करना– वैसे तो धूम्रपान इंसान के शरीर में कई प्रकार के गंभीर रोगों को उत्पन्न करता है, जिनमें से कैंसर मुख्य है। परंतु धूम्रपान के कारण भी हम एंजाइना का शिकार भी हो सकते हैं। धूम्रपान हमारी धमनियों रक्त के बहाव में रुकावट पैदा करता है, जिसके कारण हमारी रक्त धमनियां कमजोर होकर अवरुद्ध हो जाती हैं इसलिए हमें धूम्रपान को तुरंत प्रभाव से छोड़ देना चाहिए ।

एंजाइना का इलाज कैसे किया जाए ?

जाहिर सी बात है एंजाइना हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में से एक है। हर साल बहुत से लोग एंजाइना के कारण हार्ट अटैक पड़ने से अपने जीवन को गंवा देते हैं। परंतु अगर हम समय रहते उन लक्षणों की ओर ध्यान दें तथा एक संतुलित और तनाव मुक्त जीवन जीयें तो हम एंजाइना से अपना बचाव कर सकते हैं। फिर भी अगर आपको एंजाइना हो जाता है और यदि आप समय रहते इसकी पहचान कर लेते हैं तो इसका इलाज संभव है। यदि कोई व्यक्ति एंजाइना से पीड़ित है तो वह नीचे लिखे हुए तरीकों को अपनाकर इस बीमारी से छुटकारा पा सकता है :-

दवाइयों के द्वारा – जांच के अतिरिक्त एंजाइना का इलाज दवाइयों के माध्यम से भी किया जाता है । आपका डॉक्टर आपको एंजाइना से रोकथाम की दवाइयां दे सकता है, जिसके द्वारा आपकी यह बीमारी काबू में की जा सकती है ।
एंजियोग्राफी करवाना – एंजियोग्राफी, एंजाइना में काफी लाभदायक होती है । एंजाइना के मरीज को डॉक्टर एंजियोग्राफी करवाने की सलाह देते हैं। इस माध्यम से यह पता लगता है कि ह्रदय की किस रक्त धमनी में संकुचन की या रुकावट की वजह से खून के दौरे में परेशानी है।
खून की जांच करवाना– एंजाइना का इलाज करने के लिए हमें खून की जांच करवानी चाहिए । रक्त के एक नमूने के माध्यम से हम यह देख सकते हैं कि खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा क्या हैं। इस जांच में मानव शरीर के अंदर हार्ट अटैक है कि नहीं, ये भी पता लगाया जाता है (ट्रॉप-आई नाम के टेस्ट से)।
ई.सी.जी. के द्वारा जांच– ई.सी.जी. हमारे हृदय की कार्य करने की क्षमता को दर्शाता है। ई.सी.जी. के माध्यम से दिल की गतिविधि की जांच की जाती है। ई.सी.जी. हमारे हृदय की धड़कनों की गति का पता लगाती है और यदि वह असामान्य रूप से चल रही हो तो इलाज के माध्यम से उन्हें सामान्य करने की कोशिश की जा सकती है। ई.सी.जी. से हार्ट अटैक का भी पता चल जाता है।
तनाव की जांच करवाना – तनाव कई बीमारियों की जड़ है । जैसा कि ऊपर बताया गया है तनाव के कारण भी एनजइना की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए हमें अपने तनाव की जांच समय-समय पर करवाते रहनी चाहिए तथा अगर इसमें कुछ असमानता मिले तो हमें अपने डॉक्टर से फौरन संपर्क करना चाहिए।

एंजाइना में होने वाली परेशानियां क्या क्या होती है ?

एंजाइना एक बहुत ही घातक बीमारी है । अगर इस बीमारी पर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो यह हमारे लिए बहुत सी परेशानियों का कारण बन सकती है । अक्सर एंजाइना के मरीजों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इनमें से हम मुख्य रूप से पांच परेशानियों को नीचे लिख रहे हैं :-

  1. दिल की धड़कनों का असामान्य रूप से चलना – एंजाइना की बीमारी हमारे दिल के ऊपर गहरा प्रभाव डालती है, जिसके कारण हमारे दिल की धड़कनें सामान्य रूप से ना चलकर कम और ज्यादा होने लगती है जिससे हमें काफी परेशानी महसूस होती है।
  2. हृदय का स्वास्थ्य खराब हो जाना – एंजाइना की बीमारी हमारे दिल से सीधे तौर पर जुड़ जाती है। इस बीमारी के कारण हमारा दिल अपनी कार्य क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर पाता है, जिसके कारण हृदय का स्वास्थ्य खराब हो जाता है तथा उसके पूर्ण रूप से खराब हो जाने का भी खतरा उत्पन्न हो जाता है । ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर हमारा दिल खून को सही प्रकार से पंप नहीं कर पाता जिसके कारण हमारे शरीर की ऊर्जा घटने लगती हैं, सांस फूलने लगती है, शरीर में सूजन आने लगती है ।
  3. सांस लेने में तकलीफ महसूस होना – एंजाइना की शुरुआत सांस लेने की तकलीफ के साथ शुरू होती है । इस बीमारी के दौरान हमारी सांस लेने की क्षमता काफी प्रभावित होती है। जब इलाज के माध्यम से भी इस बीमारी का पूर्ण रूप से अंत नहीं हो पाता तो यह सांस की समस्या भी काफी बढ़ जाती है ।
  4. दिल का दौरा पड़ना – यदि एंजाइना का इलाज काफी लम्बे समय तक शुरू ना किया जाए है तो यह हमारे दिल को कमजोर करता रहता है । जिसके कारण हमारे दिल की कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है । इसी वजह से अक्सर यह देखा गया है की एंजाइना से पीड़ित मनुष्य को दिल का दौरा या हार्ट अटैक पड़ जाता है ।
  5. अधिक पसीना आना – एंजाइना में घबराहट होने के साथ साथ बहुत अधिक पसीना भी आ सकता है।
  6. मरीज की मौत हो जाना – एंजाइना एक घातक बीमारी है परंतु फिर भी काफी लोग इसका इलाज करवा कर इससे मुक्त हो जाते हैं । परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस बीमारी के दौरान ही अपनी मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं ।
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एंजाइना की रोकथाम कैसे करें ?

एंजाइना एक गंभीर रोग है इसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है । बहुत से लोग इस रोग की वजह से वर्षों तक परेशान रहते हैं । कई लोग इलाज करवाने के दौरान भी अपनी मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। काफी जतन करने के बाद भी काफी लोगों को इस बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पाता । लेकिन फिर भी हमें इस बीमारी के इलाज के लिए तथा इसकी रोकथाम के लिए तुरंत ही सक्रिय हो जाना चाहिए। नियमित इलाज और डॉक्टर की सलाह के माध्यम से इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है । हम ऐसी कुछ चीजें नीचे लिख रहे हैं जिनको अपना कर आप इस बीमारी की रोकथाम कर सकते हैं :-

  1. धूम्रपान को कभी ना अपनाना – धूम्रपान आज के समाज की एक हकीकत बन चुका है । कुछ लोगों के लिए यह फैशन के रूप में तथा कुछ लोगों के लिए यह नशे और मौज मस्ती का साधन है । परंतु जब धीरे-धीरे यह हमारे शरीर की जरूरत बन जाता है, तब हम इसका अत्याधिक सेवन शुरू कर देते हैं जिसके कारण यह हमारे शरीर में कई प्रकार के रोगों को उत्पन्न करने लगता है और देखते ही देखते हम इस लत के आदी हो जाते हैं। समझदारी इसी में है कि समाज की इस बुराई को आप अपने से सदैव दूर रखें । दुनिया के बहकावे में आए बिना आप शराब और धूम्रपान के सेवन से दूर रहें ।
  2. अपने स्वास्थ्य की निरंतर जांच करवाना – आज के दौर में कई प्रकार की बीमारियां मानव शरीर में घर कर रही हैं । इस बात को पता करना केवल जांच के माध्यम से ही संभव है कि कहीं हम किसी बीमारी का शिकार तो नहीं हो गए हैं । इस दिशा में हम निरंतर रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवा कर यह पता कर सकते हैं कि हम अभी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं या फिर किसी बीमारी ने हमारे शरीर में पैर पसारने आरंभ कर दिएं हैं । दुनिया का ऐसा कोई रोग नहीं है जिसे अगर समय रहते पहचान लिया जाए तो उसे ठीक ना किया जा सके या फिर उसके प्रभावों को सीमित ना किया जा सके । इस प्रकार हम अपने स्वास्थ्य पर नजर रखकर आने वाली बीमारियों से अपने आप को बचा सकते हैं ।
  3. व्यायाम करना – आज की जीवन शैली बहुत ही स्थिर हो गई है । कई लोग अपना पूरा समय घर के अंदर ही व्यतीत कर देते हैं । इस कारण हमारा ह्रदय बहुत अधिक कमजोर होता जा रहा है तथा यह कमजोर हृदय हमारे शरीर के अंदर एंजाइना के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के रोगों को भी उत्पन्न कर देता है । व्यायाम को हम अपनी जिंदगी का नियमित हिस्सा बनाकर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं तथा एंजाइना जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा पा सकते हैं ।
  4. संतुलित भोजन का सेवन करना – हमारी खानपन की शैली बहुत बदल गई है । आज के समय में हम लोग बहुत हद तक पैकेज फूड के ऊपर निर्भर हो गए हैं । जिसके कारण हमें पूर्ण रूप से पोषक तत्व नहीं प्राप्त हो पाते । इस प्रकार का भोजन हमारे लिए कई प्रकार के रोगों का कारण बन जाता है । एंजाइना जैसी बीमारी से बचने के लिए हमें अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए तथा एक संतुलित एवं पौष्टिक आहार को अपने जीवन का हिस्सा बनाना प्रारंभ कर देना चाहिए। इस माध्यम से हम कई प्रकार की बीमारियों से समय रहते छुटकारा पा सकते हैं ।
  5. तनाव मुक्त जीवन जीना – तनाव की वजह से शरीर में हानिकारक केमिकल बनते हैं जो रक्त की धमनियों की अंदरूनी दीवार को छील देते हैं, जिससे उनमें कोलेस्ट्रॉल के जमने की संभावना बढ़ जाती है और भविष्य में इस धमनी में रुकावट हो सकती है, जिससे एनजाइना या हार्ट अटैक हो सकता है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है । इसके कारण हमारे शरीर में कई प्रकार के रोग भी उत्पन्न हो जातें हैं । कुछ लोगों के लिए यह आज भी समझ से परे है कि आखिर तनाव किस प्रकार हमें रोग दे सकता है । परंतु हमें इसकी गंभीरता को समझना चाहिए तथा अगर हमें तनाव महसूस होता है तो हमें अपने आसपास के लोगों से इस बारे में बात करनी चाहिए । हमें अपना जीवन इस प्रकार से व्यवस्थित करना चाहिए कि हम एक प्रसन्नता पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें । तनाव को हम अपने जीवन से दूर रख कर एंजाइना तथा अन्य कई प्रकार के रोगों से बच सकते हैं ।

2 COMMENTS

  1. Angina is a chest pain that develops because of the not enough blood pumping through heart. The disease, if not treated timely, can lead to heart attack or other heart-related symptoms.

  2. सीने के दर्द को एंजाइना कहते हैं जिसका साधारण भाषा में मतलब है कि खून का हृदय तक न पहुंचना। यह सीने में दबाव, दर्द, और हृदय से जुड़े कहीं लक्षणों को उत्पन करता है, जैसे कि चक्‍कर आना , थकान , जी मतली , सांस लेने में दिक्‍कत और पसीना आना। इन् सबसे बचने के लिए जरुरी है कि आप चालीस कि आयु के बाद अपना निरंतर स्वस्थ जांच करवाएँ।

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