जानिये अजवाइन इस्तेमाल करने के ये 20 दुर्लभ फायदे

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अजवाइन मसाले की तरह रोजमर्रा की दिनचर्या में उपयोग में लाया जाता है. यह एक औषधीय पौधा है, जिसके फलों को मसाले की तरह उपयोग में लाते हैं. अजवाइन का आयुर्वेद में अभिन्न महत्त्व है. इसके फायदे अनगिनत हैं. मुख्य रूप से मिस्र की उपज है और इसको दुनिया के कई हिस्सों में उपजाया जाने लगा है. मुख्य रूप से इराक, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में इसकी खेती होती है. भारत में इसकी मुख्य रूप से खेती मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में की जाती है. अजवाईन के बीज में बहुत तेज गंध होती है इसलिए इसे संस्कृत में उग्रगंध के नाम से भी जाना जाता है। बीजों में एक कड़वा और तीखा स्वाद होता है और इसके मजबूत सुगंधित सार के कारण, इसे अक्सर सब्जी (करी) और अचार बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह उन दुर्लभ मसालों में से एक है जो स्वाद बढ़ाने और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होने के जुड़वां उद्देश्य को पूरा करते हैं।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भारतीय घरों में इसके व्यापक उपयोग के पीछे कारण बताते हुए कहते हैं, “अजवाइन के बीज आपके पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। पेट में दर्द या जलन जैसे अपच के कारण वे किसी भी तरह की पेट की परेशानी का इलाज करते हैं। यह भूख को बढ़ाने का काम करते हैं। भूख न लगने की समस्या से पीड़ित लोग इसका उपयोग दवाई की तरह करते हैं।”

अजवाईन के बीज फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें जीवाणुओं और कीटाणुओं से लड़ने की शक्ति होती है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अजवाइन के बीज मानो रामबाण हैं.

अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए अजवाइन के बीजों को कच्चा चबाया भी जा सकता है। इन बीजों को पानी से निगला भी जा सकता है. इन्हें भून कर भी पानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका उद्देश्य भोजन में स्वाद और सुगंध जोड़ना ही नहीं है । बैंगलोर स्थित पोषण और कल्याण सलाहकार डॉ शीला कृष्णास्वामी कहती हैं, “एक उत्कृष्ट पाचन और समृद्ध सुगंध होने के कारण, अजवाइन के बीजों को आम तौर पर मसालों में इस्तेमाल किया जाता है, रोटी बनाने से पहले आटे में छिड़का जाता है या बेकिंग से पहले ब्रेड में डाला जाता है। इसे फलों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

अजवाइन के बीज में उत्कृष्ट कामोद्दीपक गुण हैं। बीज में 2-4.4% भूरे रंग का तेल होता है जिसे अजवाईन तेल के रूप में जाना जाता है। इस तेल का मुख्य घटक थाइमोल है, जिसका उपयोग गैस्ट्रो-आंत्र (पेट और आंत) संबंधी बीमारियों, भूख की कमी और सांस की समस्याओं के उपचार में किया जाता है। यह तेल जीवाणुनाशक, रोगाणुरोधी और मनुष्यों पर एंटी-एग्रीगेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है।

अजवाईन के बीज के फायदे कई हैं जो आपको पता होना चाहिए. तभी आप इनका इस्तेमाल ठीक तरह से कर सकते हैं. अजवाइन आज के हमारे छोटे-बड़े रोजमर्रा के जीवन से उत्पन्न रोगों से लड़ने में बहुत उपयोगी है, इसके इस्तेमाल करने से पहले इसकी सही मात्रा का ज्ञान होना जरूरी है.

अजवाइन एसिडिटी (अम्लता) और अपच से तुरंत राहत देता है

अजवाइन के बीज के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों में से एक है अपच और एसिडिटी से तुरंत राहत. जब छोटे बच्चे पेट दर्द से कराहते हैं तो माँ इसे बच्चों को देना कभी नहीं भूलती क्योंकि यह पेट को मजबूत रखता है। अजवाइन में सक्रिय एंजाइम पेट द्वारा स्त्रावित होने वाले पाचक रस के द्वारा हमारे पाचन कार्यों को संतुलित करने में मदद करते हैं। 1 चम्मच जीरा और 1 चम्मच अजवाइन के बीज लें और इसमें 1/2 चम्मच अदरक पाउडर मिलाएं। हार्टबर्न (अत्यधिक अम्लता या एसिडिटी) को ठीक करने के लिए इस मिश्रण को रोजाना पानी के साथ लें। पेट फूलना, पेट का दर्द और यहाँ तक कि डायरिया के इलाज के लिए अजवाईन एक पुराना उपचार है। 5 ग्राम अजवायन में थोडा सा काला नमक मिलाकर गरम जल के साथ लेने से पेट में संचित अतिरिक्त गैस निकल जाती है. इसकी वजह से पेट का फूलापन, खट्टी डकारे आना, पेट में मरोड़ या दर्द उठना आदि लक्षण समाप्त हो जाते है.

अजवाइन शरीर की इम्युनिटी (रोग-प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूत करता है

अजवाईन में रोग-प्रतिरोधक छमता को बढ़ावा देने के लिए कैल्शियम, सोडियम, थायमिन, आयरन और नियासिन की अच्छी मात्रा होती है। इसके नियमित उपयोग से मौसमी बीमारियाँ, इन्फेक्शन इत्यादि जल्दी नहीं होते. बुजुर्ग लोगों में तथा बीमारों में इम्युनिटी (immunity) कम हो जाती है. शिशुओं में भी कई बार इम्युनिटी कम पाई जाती है. ऐसी हालत में अजवाइन का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.

अजवाइन अस्थमा और सांस के रोगों के इलाज में उपयोगी है

अजवाइन का नियमित उपयोग सांस की तकलीफों को दूर रखने में कारगर साबित हो सकता है. जिन लोगों को अस्थमा की बीमारी है उन्हें तो दिन में कम से कम एक चम्मच अजवाइन का सेवन जरूर करना चाहिए. अजवाइन में शरीर की कोशिकाओं में आई अनुचित सूजन को दूर करने का गुण होता है. इस गुण को एंटी-इन्फ्लेमेशन (antiinflammation) भी कहते हैं. इससे ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने में भी मदद मिलती है।

गुर्दे और मूत्राशय की पथरी के इलाज में अजवायन का महत्त्व

कुछ दिनों तक थोड़ी-सी (लगभग एक चम्मच) अजवायन फाककर ऊपर से ताजा जल पीने से गुर्दे और मूत्राशय की छोटी पथरी गल कर निकल सकती है.

अजवाइन जुकाम (कॉमन कोल्ड) का इलाज करता है

अजवाइन आसानी से बलगम का निर्वहन करके नाक की रुकावट से बचने में मदद करता है। अजवाईन के बीज और गुड़ का पेस्ट तैयार करके इसे गर्म कर इसका 2 चम्मच दिन में दो बार सेवन करने से बलगम की दिक्कत से छुटकारा मिलाता है.

पेट के कीड़े (उदर-कृमी) निकालने में अजवाइन का कार्य

रोगी बच्चो को एक चम्मच अजवायन का चूर्ण, लगभग एक कप छाछ (मट्ठा) के साथ कुछ दिनों तक नियमित देते रहे. पेट के समस्त कीड़े निकाल जायेंगे.

माइग्रेन के सिरदर्द से राहत दिलाता है अजवाइन

माइग्रेन का दर्द बहुत भयानक हो सकता है. ये जिसको होता है वही इसकी पीड़ा समझता है. माइग्रेन के दर्द से राहत प्रदान करने के लिए, अजवाईन के पाउडर को एक पतले कपड़े में लेकर इसे बार-बार सूंघने से या अपने तकिए के नीचे रखने से आराम पड़ सकता है.

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अजवाइन का इस्तेमाल कान और दांत दर्द के लिए

भयानक कान दर्द को कम करने के लिए, अजवाईन के तेल की दो बूंदें पर्याप्त हैं। दाँत-दर्द से तुरंत राहत के लिए, गुनगुने पानी, 1 चम्मच अजवाईन और नमक के मिश्रण से गरारे और कुल्ला करने से दाँत-दर्द को कम करने में उपयोगी होता है. अजवाइन बीज के जलने के धुएं को साँस के साथ अन्दर लेना भी दर्द वाले दांत के लिए अच्छा नुस्खा है। इसके अलावा, यह एक माउथ वॉश के रूप में कार्य करता है और अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखता है।

घावों की सफाई के लिए अजवाइन की गुणवत्ता

अजवाईन के बीज में थाइमोल नामक एक तत्व एक मजबूत कवकनाशी और कीटाणुनाशक के रूप में कार्य करता है। इस प्रकार, दांत के संक्रमण का इलाज करने के लिए अजवाइन के बीजों को कुचल कर त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसलिए अगर अगली बार आप इस तरह की किसी भी चोट के कारण आते हैं, तो अजवाइन के बीज को अपने बचाव में इस्तेमाल करें।

यौन कमजोरी को दूर करना

बहुत से लोग यौन विकलांगता से पीड़ित होते हैं. अजवाइन के बीज इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहुत उपयोगी औषधि है. सादे मक्खन और इमली की गुठली के साथ कुछ कैरम बीज को पिस कर इसे अच्छी तरह से मिलाकर इसे पानी में या दूध में या शहद के साथ लेने पर यौन विकार पर काबू पाने में लाभ होता है. कई बार देखा गया है कि शिशु के जन्म की वजह से नयी माता की यौन संबंधों में दिलचस्पी ख़त्म हो जाती है. ऐसे में अजवाइन का सेवन फायदेमंद हो सकता है. अजवायन को सफ़ेद प्याज़ के रस में भिगो और सुखाकर रख ले. 10 ग्राम इस अजवायन में सामान घी और दो गुनी चीनी मिलाकर 1 मात्रा माने. यह लगभग सप्ताह तक लेने से पौरुषेन्द्रीय की कमजोरी दूर हो जाती है.

खाँसी के इलाज में अजवाइन अचूक

एक चम्मच अजवायन चबाकर ऊपर से गरम जल पीने से खाँसी का वेग कम हो जाता है. बलगम वाली खाँसी में, भुनी अजवायन का चूर्ण लगभग आधे चम्मच शहद और अदरक के रस के साथ मिलाकर, रोग की दशानुसार दिन में 2-3 बार चाटें.

बालों को सफ़ेद होने से रोकना

अजवाईन के बीज बालों के प्री-मैच्योर ग्रेइंग (असामयिक बालों का सफ़ेद होना) को रोकने में मदद करते हैं। एक गिलास पानी में एक एक चम्मच करी पत्ता, सूखे अंगूर, चीनी और कैरम (अजवायन) के बीज डालकर काढ़ा बनाएं और हर दिन इसका एक गिलास पीने से बालों के सफ़ेद होने को रोकने में लाभदायक होता है

मच्छर से बचाने में अजवाइन का रोल

अजवाइन एक प्राकृतिक अवरोध है मच्छरों के द्वारा फैलने वाले बिमारियों के लिए। इसका उपयोग करने के लिए सरसों के तेल को अजवाईन के बीजों के साथ मिलाएं और कार्डबोर्ड के टुकड़ों पर लगाएं जिसे आप मच्छरों को भगाने के लिए अपने कमरे के कोनों में बाँध सकते हैं। इस मसाले का उपयोग मच्छरों के लिए एक विकर्षक के रूप में काफी प्रभावी है. साथ हे यह आपके घर को जहरीले धुंए से नहीं भरता बल्कि एक खुशबू से भर देता है.

दांतों में दर्द में अजवायन कारगर

अजवायन के तेल में भीगे हुए रुई के टुकड़े को रोग-ग्रस्त, दर्द से पीड़ित दांत पर लगाकर रखने से दर्द बंद हो जाता है. मुख नीचे करके रखना चाहिए ताकि लार टपकाई जा सके.

त्वचा की सफाई में अजवाइन रामबाण

अजवाईन पाउडर विशेष रूप से मुँहासे के निशान को हल्का करने में उपयोगी है। 10-15 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर एक पेस्ट बनाकर उपयोग करने से मुहासे से रहत मिलती है। यह प्रभावी घरेलू उपाय त्वचा के अन्दर जमी हुई गहरी गंदगी से छुटकारा पाने में काफी मदद कर सकता है।

गठिया के दर्द को दूर करता है

अजवाईन के बीज में दो गुण होते हैं जो उन्हें गठिया से लड़ने में मदद करता है । उनके पास कोशिकाओं की सूजन कम करने वाले गुण हैं जो लालिमा को कम करते हैं और सूजन का मुकाबला करते हैं. साथ ही अजवाइन में संवेदनाहारी गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को शांत करते हैं। घरेलू उपाय के रूप में, कुचले हुए बीजों के पेस्ट को जोड़ों पर लगाने से या एक मुट्ठी कैरम (अजवाइन) बीज के साथ गर्म पानी के टब में भिगाने से गठिया के दर्द से रहत मिलती है

पीरियड्स को नियंत्रित करने में अजवाइन कारगर

जिन महिलाओं को पीरियड्स (माहवारी) के दौरान अनियमितता का या अधिक रक्तस्त्राव का या अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपने आहार में अजवाइन को तुरंत शामिल करना चाहिए.

ओमा वाटर– अजवाईन या ओमा पानी एक आयुर्वेदिक चमत्कार है, खासकर महिलाओं के लिए। यह गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भाशय और अपचन की समस्या को ठीक करता है. साथ ही यह अनियमित पीरियड्स के मुद्दे को हल करता है। अजवाईन पानी तैयार करने के लिए 2 चम्मच भुने हुए अजवाईन के बीजों को पानी में उबालें। इस मिश्रण को पिएं। आप स्वाद के लिए 1 चम्मच शहद जोड़ सकते हैं।

शिशु के जन्म के बाद की तकलीफों में अजवायन

प्रसव के बाद का मंद ज्वर, हाथ-पैरों की जलन, पेट का दर्द, जलन, जुकाम-खाँसी, पेट में तनाव, सूजन, रुधिर या चिपचिपे पदार्थ का मूत्र-मार्ग से बाहर निकलना आदि लक्षण प्रकट होने पर अजवायन डालकर जलाये हुए सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए.

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