ओलिव ऑइल की बात करें तो एक ख़ास खुशबू दिमाग में दौड़ जाती है। पास्ता बनाना हो तो ओलिव ऑइल चाहिए, और हममें से ज़्यादातर लोग यह भी जानते हैं कि ओलिव ऑइल इटली में खूब इस्तेमाल किया जाता है। यूं तो जैतून के तेल के बारे में हम सभी थोड़ा बहुत जानते हैं, लेकिन हम में से बहुत कम लोग ऐसे हैं, जो वास्तव में अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहतें हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति इस तेल की खूबियों के बारे में बहुत अच्छे से जानते हैं। परंतु आज हम आपको यहां जैतून के तेल को लेकर होने वाली कुछ सामान्य भ्रांतियों, उसकी उपयोगिता और इतिहास के बारे में बताएंगे। यहां हमने जैतून के तेल के बारे में 35 रोचक तथ्य इकट्ठे करके लिखे हैं, इन्हें जानकर आपको जैतून के तेल के बारे में अधिक जानकारी तो प्राप्त होगी ही, साथ ही आप इसकी उपयोगिता को भी समझ पाएंगे।
- एक प्राचीन ईसाई कथा के अनुसार जैतून का पहला पेड़ आदम की कब्र से निकला था, इस पेड़ की जड़ उसकी खोपड़ी में थी।
- एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल में ऑलिओकैंथल की उपस्थिति के कारण यह स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर की कोशिकाओं को मारने में सफल होता है।
- एथेंस का नाम एथेना देवी के नाम पर रखा गया था। जिन्होंने यूनानियों को उपहार स्वरूप जैतून दिया था। उनके इस उपहार स्वरूप जैतून को प्रकाश, गर्मी, भोजन, दवाई और इत्र के लिए उपयोगी पाया गया। इसकी इन्हीं उपयोगिताओं को देखते हुए यह इसे पोसिडोन के घोड़े से की तुलना में अधिक शांतिपूर्ण आविष्कार माना गया था ।
- जैतून के तेल में मोनो अनसैचुरेटेड वसा से भरपूर आहार दिल की उम्र बढ़ने की गति को धीमा करने के साथ ही और धमनियों के लिए भी अच्छा होता है। यह वयस्कों के साथ बुजुर्गों में भी अच्छा प्रभाव दिखाता है।
- जैतून के तेल में टाइप टू डायबिटीज के खतरे को कम करने की क्षमता होती है।
- प्राचीन काल में जैतून के तेल को सिर्फ भोजन के अनिवार्य हिस्सा के रूप में ही नहीं अपितु इसे सामान्य लोगों और देवताओं को जोड़ने की कड़ी के रूप में भी मान्यता प्राप्त थी।
- जैतून के पेड़ दुनिया के सबसे ऐसे पुराने पेड़ों में गिने जाते हैं जिनकी खेती की जाती थी अर्थात यह सबसे पुराने खेती वाले पेड़ों में से एक हैं। आठवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व से यह भूमध्य सागर में विकसित हुए थे।
- एक किवदंती के अनुसार, 14 वी 16 वीं शताब्दीं के दौरान चुड़ैलें और मध्ययुगीन जादूगर जैतून के तेल का उपयोग अपने मंत्र और अंगूठी में किया करते थे।
- जैतून का तेल हड्डियों की मोटाई और मजबूती को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए उपयोगी माना जाता है।

- जैतून के तेल में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिन्हें ऑलिओकैंथल कहा जाता है। वास्तव में यह दर्द-निवारक गुण वाले होते हैं और प्रचलित दवा इबुप्रोफेन के प्रभाव की नकल करते हुए पाए जाते हैं।
- जैतून के तेल में एक अच्छी बात यह भी है कि यह तेल वजन बढ़ाने की दिशा में कोई संकेत नहीं देता। अपितु यदि इसका नियमित रूप से मध्यम मात्रा में सेवन किया जाए तो यह आपके वजन को घटाने में आपकी मदद कर सकता है।
- एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून के तेल को उबालने के बजाय यदि फ्राई करके भोजन बनाने में उपयोग किया जाए तो यह भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को ज्यादा देर तक रखने में मदद करता है। जैतून के तेल में मौजूद फेनोल्स भोजन में चले जाते हैं, जो खाने को और ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बनाते हैं।
- लोगों की ऐसी धारणा है कि जैतून सामान्यता हरे और काले रंगों में पाया जाता है। पर यदि हम इन हरे और काले रंगों का अंतर बताएं तो यह अंतर सिर्फ इनके पकने पर निर्भर करता है। अर्थात् हरा जैतून पकने से पहले तोड़ लिया जाता है और जब जैतून पक जाता है तो वह अपने आप काले रंग का हो जाता है। पोषण की दृष्टि से हरे जैतून या काले जैतून में कोई भी अंतर नहीं होता है।
- एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल और नियमित रूप से मिलने वाले शुद्ध जैतून तेल के बीच सिर्फ इतना ही अंतर होता है कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल शुद्ध, कोल्ड प्रेस्ड वाली जैतून से बनाया जाता है। जबकि नियमित रूप से मिलने वाले जैतून के तेल में कोल्ड प्रेस्ड और प्रसंस्कृत तेल दोनों का मिश्रण होता है। जबकि इन दोनों तेलों का इस्तेमाल परस्पर किया जा सकता है हालांकि एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल खाने में अधिक स्वादिष्ट होता है, जबकि सामान्य जैतून के तेल को उच्च तापमान पर गर्म करने की आवश्यकता होती है।
- पुराने समय में ग्रीस के एथलीट प्रतियोगिता से पहले अपने शरीर में जैतून के तेल से मालिश किया करते थे। यह तेल उनके त्वचा को अधिक कोमल और उन्हें “देवताओं की शानदार मूर्तियों की तरह” दिखाई देने वाला बनाया दिया करता था, ऐसा प्राचीन कालीन लेखकों ने पुराने लेखों में वर्णित किया है।
- प्राचीन कालीन समय में जैतून के तेल को खेल और स्नान में बहुत अधिक महत्व दिया जाता था। इतना अधिक कि इस सुगंधित तेल को एक छोटे से बोतल जिसे “आर्यबलुई” कहा जाता है, में अपने लोग अपने पास रखते थे। भूमध्य सागर के सैकड़ों पुरातत्व स्थलों में ऐसे बहुत सारे प्रमाण मिलते हैं।
- प्राचीन काल में जैतून के तेल का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता था। मुख्यतः इसका उपयोग मरहम के रूप में और लोक उपचार जैसी गतिविधियों में साधारण रूप से किया जाता था।

- मध्य युग के दौरान येरुसलम की यात्रा करने वाले ईसाई समुदाय के लोग ‘एम्पुल’ ( एक तरह की शीशी) का इस्तेमाल (जैतून के तेल को इकट्ठा करने के लिए) करते थे। जिसमें वह भूमध्य सागर के आसपास के धार्मिक स्थलों से “जैतून का तेल” इकट्ठा करते थे। इससे ऐसा माना जाता था कि यह तेल बीमारी को ठीक करने के साथ ही साथ बुरी शक्तियों से भी बचाता है।
- 19वी शताब्दी में उत्तरी अफ्रीका के खोजकर्ताओं का ऐसा मानना था कि रोमन जैतून के तेल के अवशेष कुछ खोए हुए मूर्ति पूजकों या पंथ रिवाजों के हिस्सा थे।
- दुनिया भर में लगभग 700 विभिन्न प्रकार के जैतून उगाए जाते हैं। इन सभी जैतून से अलग प्रकार का तेल निकलता है।
- ईसाई धर्म के संस्कार और प्रतीकवाद में जैतून का तेल एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसको रूपांतरण, स्वास्थ्य लाभ और सफाई में इसकी मुख्य भूमिका मानी जाती है।
- ओडीसियस की मान्यता के अनुसार, ओडीसियस जो कि वहां का राजा था, जहाज में हुई भारी तबाही के बाद वह शरीर से अत्यंत कमजोर और जंगली मनुष्य दिख रहा था, परंतु उसने अपने शरीर पर जैतून का तेल लगाया। कुछ ही समय उपरांत वह अचानक एक सुंदर देवता के रूप में परिवर्तित हो गया।
- ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल 100% वसा वाला होता है।
- मध्यकाल में ऐसा माने ना ना जाने लगा कि दाग वाले जैतून के तेल से UNGUENTARIA (एक चीनी मिट्टी या कांच की बोतल द्वारा) प्लेग फैलाता है।
- जैतून का तेल एकमात्र ऐसा व्यवसायिक वनस्पति तेल है, जो बीज के बजाय फल से निकाला जाता है। इसके विपरीत अन्य व्यवसायिक वनस्पति तेल जैसे सूरजमुखी का तेल, कैनोला का तेल और सोया के तेल को इनके बीजों से निकाला जाता है।
- प्राचीन मशहूर कवि होमर ने जैतून के तेल को “तरल सोना’ का उपनाम दिया था।

- विश्व भर में तकरीबन 800 मिलियन जैतून के वृक्ष हैं, जो ऑस्ट्रेलिया से कैलिफोर्निया तक उगाए जाते हैं। हालांकि दुनिया में जैतून के तेल का कुल अनुमानित 98% उन 20 देशों से आता है जो अंतरराष्ट्रीय ऑलिव ऑयल काउंसिल के सदस्य हैं।
- स्पेन जैतून के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। स्पेन के बाद अगला स्थान इटली का है।
- ग्रीस जैतून के तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है। यह किसी भी अन्य देश की तुलना में प्रति व्यक्ति जैतून के तेल का सबसे अधिक उपयोग करता है।
- चूंकि जैतून का तेल गर्म होने पर वसा की अधिक मात्रा निकालता है इसलिए अन्य प्रकार की तेलों की तुलना में जैतून के तेल को खाना पकाते समय कम मात्रा में इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है।
- लगभग 11 पाउंड (5 किलो) दबाए गए जैतून से लगभग 32 औंस (एक चौथाई गैलन) एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल प्राप्त होता है।
- जैतून का तेल प्राकृतिक रूप से कार्बोहाइड्रेट, सोडियम और कोलेस्ट्रोल से मुक्त होता है।
- जैतून का तेल हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करने में मदद करता है। इतना ही नहीं जैतून का तेल एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह वसायुक्त पैच के गठन को भी रोकने में बहुत मददगार साबित होता है।
- दुनिया भर में यदि अनुमान लगाया जाए तो तकरीबन 2.25 मिलियन टन जैतून का तेल सालाना खपत होता है।
- इटली से केवल 4% ही जैतून का शुद्ध इटालियन तेल प्राप्त किया जाता है।