आपको लगता होगा की गुलाब जामुन एक खालिस हिन्दुस्तानी डिश है. पर ऐसा है नहीं. अफ्रीका और यूरोप के बीच मेडिटेरियन सागर के आस पास की सभ्यता में कई सौ साल पहले भी फ्राई किये हुए आटे या मैदे की गोलियों को मीठी चाशनी में डुबो कर खाने का प्रचलन था. वहाँ पर इस पकवान को ‘लुक्मत अल कड़ी’ कहते थे.
एक बार अवध के नवाब की रियासत में खाने का अकाल पड़ा. सभी गरीबों को खिलाने केलिए नवाब ने एक बहुत बड़ी हांडी में खाना पकाने का हुक्म दिया. इस हांडी में सामग्री दाल कर इस को एक ढक्कन से ढक कर आंच के ऊपर रख दिया गया. खाना बनाए के इस अंदाज़ को बाद में ‘दम’ का नाम दिया गया. दम बिरयानी पुरे विश्व में भारत को अनूठी इज्ज़त दिलाती है.
चौदहवीं शताब्दी के भी पहले मिडिल ईस्ट के क्षेत्रों में (खाड़ी के देश) समोसा एक प्रसिद्द पकवान था. उस समय इसको वहाँ ‘सम्बोसा’ के नाम से जाना जाता था. भारत में इसका आगमन बहुत बाद में हुआ.
भारत में सबसे ज्यादा जो मसाला प्रयोग किया जाता है उसका नाम है – मिर्च.
उत्तरी भारत के लगभग हर घर में खाए जाने वाले ‘दाल-चावल’ के बारे में यह किवदंती है कि यह पकवान नेपाल में उत्पन्न हुआ तथा वहाँ से भारत में इसका प्रचलन शुरू हुआ.
अगर आप ढूँढने भी जाओ तब भी शायद ही कोई मिले जिसको जलेबी का स्वाद पसंद न हो. लेकिन ये जलेबी भी मिडिल ईस्ट (खाड़ी के देश) में पैदा हुई और वहाँ इसको ‘ज़बिया’ (अरबी) नाम से जाना जाता था.
पूरी दुनिया में भारत मसालों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता देश है.
पुर्तगालियों ने भारत में चीनी का प्रयोग करने का प्रचालन शुरू किया. इससे पहले शहद, गन्ने के रस और फलों का इस्तेमाल करके मिठास लायी जाती थी.
अमेरिका में सबसे पहले 1960 के दशक में भारतीय रेस्टोरेंट खुला था. आज अमेरिका में ८० हजार सभी ज्यादा भारतीय आहार खिलने वाले रेस्टोरेंट हैं.
कहा जाता है कि चिकन टिक्का मसाला नाम की डिश, जिसने भारत के चिकन को विश्व में पहुँचाया, को स्कॉटलैंड में सबसे पहले बनाया गया था.
पुश्तैनी कश्मीरी पाककला, जिसे ‘वागवान’ कहते हैं, में मसालों का इस्तेमाल करने की एक अद्भुत तकनीक है. इसमें मसालों को फ्राई नहीं किया जाता बल्कि उबाला जाता है. ऐसा करने से खाने में अलग ही खुशबु और स्वाद आ जाता है.
भारतवासियों को कॉफ़ी के बारे में सोलहवीं शताब्दी से पहले तक कुछ भी नहीं पता था. अंग्रेज भारत आये और कॉफ़ी भी साथ लेकर आये.
भारत में भाँति भाँति के चावल पाए जाते हैं, जैसे सफ़ेद, काले, भूरे, चिपकने वाले, बासमती और लाल. काले रंग के चावल सिर्फ भारत और चीन में ही पाए जाते हैं और इनको जादुई चावल भी कहा जाता है.
विश्व की सबसे तीखी मिर्च का नाम ‘भोत जोलोकिया’ है और ये भारत में पाई जाती है. इसको ‘घोस्ट चिली’ (भूत मिर्ची) भी कहते हैं. यह उत्तर-पूर्व के राज्यों में उगाई जाती है और कहा जाता है की ‘टबास्को सॉस’के मुकाबले ये मिर्ची लगभग ४०० गुना ज्यादा तीखी होती है.
सोलह्न्वी और सत्रहवीं शताब्दी के दौरान भारत में टमाटर, आलू, चीनी और मिर्च बाहर के देशों से पहली बार लाये गए.
राजमा मेक्सिको में पाया जाता था और वहां से भारत लाया गया. आज भी मेक्सिको में राजमा का सेवन बहुत किया जाता है.
बटर नान खाने में किसको नहीं अच्छी लगती? कहा जाता है कि नान बनाने का तरीका भारत में मुग़ल लेकर आये.