ग्रीन टी से होने वाले 15 वैज्ञानिक फायदे.

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भारतीय चाय के दीवाने हैं. हम सब की ज़िन्दगी में चाय से जुडी हुई बहुत सी अनमोल यादें हैं. अधिकतर लोग दिन की शुरुआत चाय से ही करते हैं और अगर चाय के सबसे सेहतमंद विकल्‍प की बात की जाए तो इसमें ग्रीन टी का नाम सबसे ऊपर आता है। आइए जानते हैं कौन से वैज्ञानिक फायदे देती है ग्रीन टी.

कैंसर का खतरा कम करती है

अमेरिका में स्थापित नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट से पता लगा है कि ग्रीन टी में पाए जाने वाले ‘कैटचिन’ नाम के पदार्थ में कैंसर को रोकने और लड़ने की शक्ति होती है.  सबसे महत्वपूर्ण कैटचिन का नाम है EGCG ( ई जी सी जी) अर्थात एपीगालोकैटचिन-3-गल्लेट. यह हमारी कोशिकाओं को डीएनए के टूटने से बचाता है और हानिकारक फ्री रेडिकल को नष्ट करता है.  साथ ही यह भी देखा गया है कि ‘कैटचिन’ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. कैंसर होने में इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का भी बहुत बड़ा रोल होता है.

एक और वैज्ञानिक शोध कार्य से पता लगता है कि ग्रीन टी बहुत तरह के कैंसर को रोकने में मदद करती है. जांच में पाया गया कि जिन कैंसर को रोकने में ग्रीन टी का योगदान देखा गया वे थे फेफड़े,  त्वचा, स्तन, लीवर, आंत और पैंक्रियास के कैंसर.

ई.जी.सी.जी. (EGCG)  कैंसर से पीड़ित कोशिकाओं को मारने में सक्षम है. साथ ही यह  स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं करता. कैंसर के इलाज में यह एक बहुत बड़ी खोज हो सकती है. अधिकतर कैंसर के इलाज में जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है उनसे स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट होती हैं. इससे मरीज के शरीर में साइड इफेक्ट और कमजोरी आती है. ऐसा माना जाता है कि दिन में चार कप ग्रीन टी पीने से कैंसर से लड़ने में मदद मिल सकती है तथा रोकथाम की जा सकती है.

इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है

ग्रीन टी में उपस्थित ‘कैटचिन’ इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. इस वजह से व्यक्ति को बार-बार इनफेक्शन नहीं होते. कई तरह के कैंसर में इम्यून सिस्टम का रोल देखा गया है.  इम्यून सिस्टम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसका अर्थ है ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा भी कम होता है. साथ ही कई प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे एस एल ई (SLE),  थायराइड की बीमारी, रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) इत्यादि कम होती हैं.

ग्रीन टी में पाए जाने वाले पदार्थ ‘कैटचिन’ की मदद से शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति की कमी नहीं रहती.

दिमाग के स्वास्थ्य को बढ़ाती है

ग्रीन टी में कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होता है.  इस तरह यह व्यक्ति को अलर्ट करती हैं पर उत्तेजित नहीं करती. कैफीन दिमाग में उपस्थित हानिकारक न्यूरो ट्रांसमीटर ‘ एडिनोसिन’ के प्रभाव को कम करती है जिसकी वजह से दिमाग का स्वास्थ्य बढ़ता है.

ग्रीन टी में एल-थिआनिन् नाम का अमीनो एसिड होता है. यह दिमाग को मजबूत करता है तथा गैबा (GABA) नामक न्यूरोट्रांसमीटर की गतिविधि बढ़ाता है जिससे दिमाग शांत रहता है.  ग्रीन टी के पीने से खतरनाक दिमाग की बीमारियां जैसे अल्जाइमर डिसीज और पार्किंसन डिजीज के इलाज में मदद मिलती है. देखा गया है कि जो लोग  सप्ताह में 1 से 6 बार ग्रीन टी पीते हैं उन्हें दिमागी कमजोरी होने के आसार कम होते हैं. ग्रीन टी पीने से उम्र बढ़ने की वजह से याद्दाश्त में कमजोरी नहीं आती. बल्कि याद्दाश्त बढ़ने लगती है और एकाग्रता भी बढ़ती है.इस तरह ग्रीन टी का सेवन विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा है.

green tea has many benefits and 4 to 5 cups must be taken per week

हृदय के स्वास्थ्य को  बढ़ाती है

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ( विश्व का प्रख्यात मेडिकल कॉलेज) की रिपोर्ट माने तो ग्रीन टी हृदय के स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम है और कई प्रकार के हृदय बीमारियों से बचाती है. इनका मानना है कि ग्रीन टी बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करती है. ज्यादातर बुरे कोलेस्ट्रॉल की वजह से हृदय आघात (हार्ट अटैक) जैसी बीमारियां होती हैं. ग्रीन टी रक्त की एंटी ऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाती है. इस वजह से फ्री रेडिकल और हानिकारक ‘रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज’ द्वारा होने वाले हृदय के नुकसान में कमी आती है तथा हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. बल्कि शोध कार्य में देखा गया कि ग्रीन टी पीने वालों में ना पीने वालों से हृदय संबंधी बीमारियां होने के आसार 31% तक कम थे.

ग्रीन टी में उपस्थित तत्व खून की नसों के अंदर कोलेस्ट्रोल के जमा होने को भी कम कर सकते हैं या रोक सकते हैं. इस वजह से  खून की नसों में सिकुड़न नहीं आती तथा पैरालिसिस या हर्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है. यह भी देखा गया कि ग्रीन टी से बुरे कोलेस्ट्रॉल ( एल डी एल -LDL) की मात्रा कम होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां नहीं होती और शरीर स्वस्थ रहता है.

रक्तचाप को नियंत्रित रखती है

आधुनिक जीवन में ब्लड प्रेशर या रक्तचाप की समस्या बहुत बढ़ चुकी है. इसकी वजह से कई दवाइयां खानी होती हैं तथा खाने पीने का परहेज रखना होता है. साथ ही अधिक रक्तचाप से  हार्ट अटैक या दिमाग के दौरे की संभावना रहती है. दिन में तीन-चार कप ग्रीन टी पीने से ब्लड प्रेशर संतुलन में रहता है. एक प्रयोग में देखा गया कि ग्रीन टी पीने वालों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 8% कम हुआ तथा दिल की बीमारियों का खतरा 5% कम हुआ.

ब्लड प्रेशर का बढ़ना अधिकतर एक एंजाइम की वजह से होता है. इस एंजाइम का नाम है एनजीओटेन्सिन कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE). ज्यादातर ब्लड प्रेशर संतुलित रखने की दवाएं शरीर में इस एंजाइम का लेवल कम करती हैं. ऐसा देखा गया है कि ग्रीन टी प्राकृतिक रूप से एंजाइम को रोकती है. इस तरह यह ब्लड प्रेशर को बढ़ने नहीं देती और संतुलन में रखती है.

2024 तक भारत में ग्रीन टी का मार्किट लगभग $50 बिलियन का हो जायेगा.

डायबिटीज का खतरा कम करती है

ग्रीन टी शरीर की कोशिकाओं को इस प्रकार प्रेरित करती है कि वह आहार में प्रयुक्त शुगर को भलीभांति पचा सके. ग्रीन टी में उपस्थित पॉलीफिनॉल शरीर में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखते हैं इससे डायबिटीज का खतरा कम रहता है.

कोरिया में हुई एक जांच में पाया गया कि दिन में 6 या उससे अधिक कप ग्रीन टी पीने वालों को डायबिटीज होने का खतरा 33% तक कम हो गया. पर बिना डॉक्टर की सलाह के इतनी अधिक मात्रा में ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए.

आइए जानते हैं ग्रीन टी रक्त में शुगर को कैसे नियंत्रित रखती है. भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट शरीर के अंदर ‘एमाइलेज’ नाम के एंजाइम द्वारा ग्लूकोस में बदलते हैं और रक्त में सोख लिए जाते हैं.  ग्रीन टी ‘एमाइलेज’ को काम करने से रोकती है इस तरह अधिक ग्लूकोज नहीं बन पाता तथा रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है.

शरीर के अधिक वजन को कम करती है

ग्रीन टी के अंदर उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट ईजीसीजी शरीर की मेटाबॉलिज्म अर्थात उपापचय की क्रिया को तेज करता है. इसकी वजह से शरीर में मोटापा नहीं रुक पाता. साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट वसा कोशिकाओं के अंदर एकत्रित वसा (फैट या चर्बी) को बाहर भी निकालता है.  ऐसा भी देखा गया है कि ग्रीन टी के अंदर पाए जाने वाले कुछ पदार्थ फैट (चर्बी) को बर्न करने वाले हार्मोन को शक्ति देते हैं. इसकी वजह से शरीर का अधिक वजन कम होता है.

यूनाइटेड किंगडम में हुई एक जांच में पाया गया कि ग्रीन टी पीने से एक्सरसाइज करने के दौरान शरीर में उपस्थित चर्बी का अधिक ऑक्सीडेशन हुआ जिसकी वजह से यह शरीर से कम हुई.

अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करती है

ग्रीन टी में पाए जाने वाले ईजीसीजी नाम के एंटी ऑक्सीडेंट की जितनी तारीफ की जाए कम है. यह शरीर में कुछ ऐसे पदार्थ नहीं पैदा होने देता जो जोड़ों में सूजन पैदा करते हैं और आर्थराइटिस के दर्द के लिए जिम्मेदार हैं. हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी बहुत लाभदायक नुस्खा है.

आर्थराइटिस फाउंडेशन यह कहती है की ग्रीन टी में उपस्थित ईजीसीजी अर्थराइटिस की बीमारी में विटामिन ए और विटामिन सी के बजाय 100 गुने से अधिक प्रभावशाली हैं. यह एंटी ऑक्सीडेंट हड्डियों तथा जोड़ों की सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता तथा सिर्फ बीमार कोशिकाओं की सूजन कम करता है जिससे आर्थराइटिस के लक्षण कम होते हैं.

green tea has good antioxidant and anticancer properties

इंसान की उम्र में इजाफा करती है

हम सब यह जानते हैं कि जापानी अधिक ग्रीन टी पीते हैं. और यह भी कोई भी बात नहीं है कि जापानी लोगों की उम्र बहुत लंबी होती है. वैज्ञानिक प्रयोगों से यह पता लगा है की ग्रीन टी कई तरह से स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है जिससे बीमारियां कम होती है तथा उम्र लंबी हो जाती है. एक अमेरिकी शोध से पता लगता है कि ग्रीन टी में कैफीन होता है तथा अधिक कैफीन लेने से शरीर से कैल्शियम बाहर निकल जाता है. अधिक ग्रीन टी पीने वालों को कैल्शियम की गोलियां लेनी चाहिए.

खाना पचाने की शक्ति बढ़ती है

ग्रीन टी में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं. इसकी वजह से गैस नहीं बनती तथा  हाजमा खराब रहने की समस्या नहीं रहती है. ग्रीन टी में उपस्थित ‘कैटचिन’ पाचन तंत्र के एंजाइम को अधिक मजबूत करता है जिससे खाई गई सारी कैलोरीज चर्बी में नहीं बदल पाते. इससे शरीर का वजन भी संतुलित रहता है. ग्रीन टी पीने से विटामिन बी,  विटामिन सी और विटामिन ई मिलते हैं जो भोजन सही प्रकार से पचाने के लिए जरूरी है.

ग्रीन टी पीने से कई प्रकार के कैंसर मैं कमी पाई गई जो पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं, जैसे पेट का कैंसर और आंतों का कैंसर.

दांतों का सड़ना कम करती है

वैज्ञानिक प्रयोगों में देखा गया है कि जो लोग अधिक ग्रीन टी कितने हैं उनके मुंह का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. ग्रीन टी के पीने से मुंह में उपस्थित जीवाणु की संख्या में कमी आती है तथा मसूड़ों की सूजन कम होती है. मुंह में बैक्टीरिया तथा अन्य जीवाणु कम होने से दांतो की सड़न भी नहीं होती.

ग्रीन टी दांतो के और मसूड़ों के ऊपर बैक्टीरिया की परत नहीं चढ़ने देती. बैक्टीरिया मुंह में जीवित रहने के लिए ग्लूकोसिल ट्रांसफरएज  नाम के इस्तेमाल करता है. ग्रीन टी इस एंजाइम को दबाती है और बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है. ग्रीन टी के अंदर फ्लोराइड भी होता है. दांतों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है तथा दांतों के गलने को रोकता है.

दांतों की कैविटी के अंदर पाए जाने वाले बैक्टीरिया ‘ स्ट्रेप्तोकोकस मुतान्स’  को ग्रीन टी नियंत्रण में रखती है या पूरी तरह खत्म करती है. इसकी वजह से दांतो के सड़ने की समस्या कम हो जाती है.

green tea can relieve hangover and depression

डिप्रेशन या मानसिक अवसाद को कम करती है

वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार जो लोग दिन में चार कप ग्रीन टी पीते हैं उनमें डिप्रेशन की समस्या लगभग नहीं देखी जाती. ग्रीन टी में उपस्थित अमीनो एसिड ‘ एल थियानिन’ कई तरह के केमिकल की  मात्रा दिमाग में बढ़ाती है जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन. यह केमिकल डिप्रेशन को दूर रखते हैं तथा आनंद का एहसास कराते हैं.

हैंगओवर को कम करती है

ऐसा देखा गया है कि ग्रीन टी शराब पीने की वजह से अगले दिन सुबह हुए हैंगओवर को कम करती है. साथ ही यह लीवर (यकृत) के स्वास्थ्य को मजबूत करती है.

त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखती है

ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को  स्वस्थ रखते हैं. ग्रीन टी पीने से आंखों के चारों तरफ आए हुए काले धब्बे कम होते हैं. साथ ही त्वचा की झुर्रियां भी कम होती हैं. उम्र के बढ़ने से त्वचा में जो ढीलापन आ जाता है वह भी कम होता है और त्वचा कसी हुई नजर आती है. ग्रीन टी पीने से मुहांसे भी कम होते हैं.

बालों को स्वस्थ रखती है तथा गंजापन रोकती है

ग्रीन टी  डाइहाईइड्रो टेस्टोस्टरॉन (DHT) नाम के पदार्थ के प्रभाव को कम करती है जिससे बालों का झड़ना कम होता है. ग्रीन टी के अंदर एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे यह डैंड्रफ की समस्या को भी दूर रखती है. बालों की जड़ों के चारों तरफ सूजन को भी काम करती है जिससे बाल जल्दी नहीं गिरते. ग्रीन टी बालों को मुलायम बनाती है और उनकी लंबाई बढाती है. गंजापन को रोकने में  ग्रीन टी अचूक है. इसके अंदर उपस्थित विटामिन ई और विटामिन सी बालों की चमक बढ़ाते हैं.

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