जानिए भारत की भाषाओं का इतिहास – 15 अनूठे तथ्य

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कर्नाटक के शिमोगा जिले के मत्तुर गांव में लोग आज भी एक दूसरे से बात करने के लिए संस्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं.

हमारे देश में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की सरकारी या शासकीय भाषा का दर्जा दिया गया. भारत में इस दिन को हिंदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है.

भाषाओं का इतिहास तो 70 हज़ार साल पुराना है जबकि भाषाएं लिखने का इतिहास सिर्फ़ चार हज़ार साल पुराना ही है.

भारत का संविधान हिंदी और अंग्रेजी को भारतीय सरकार  के द्वारा चुनी हुई सरकारी या शासकीय भाषा का दर्जा देता है. भारत के संविधान के आर्टिकल 343(1)  के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी को ही केंद्र सरकार द्वारा सरकारी या शासकीय भाषा का दर्जा उपलब्ध है. इन 22 भाषाओं में अंग्रेजी को स्थान नहीं दिया गया है.

उनके एक लंबे इतिहास की वजह से तमिल,  संस्कृत, उड़िया, मलयालम, और तेलुगु को  भारत में क्लासिकल या प्रतिष्ठित भाषाओं का दर्जा दिया गया है.

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भारतीय संविधान के अनुसार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सरकारी भाषा अंग्रेजी है.

माना जाता है कि लगभग 95% उर्दू क्रिया शब्दों की जड़ें संस्कृत और प्राकृत भाषा में हैं. लगभग सभी हिंदी लिपियाँ  ब्राह्मी नाम की लिपि से उत्पन्न हुई.

संस्कृत और तमिल दोनों ही विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक समझी जाती हैं.

पिछले 50 साल में भारत की क़रीब 20 फीसदी भाषाएं विलुप्त हो गई हैं.

उत्तराखंड की दूसरी सरकारी भाषा संस्कृत है.  संस्कृत भाषा को लैटिन भाषा के अनुरूप ही बहुत पुरानी तथा भाषाओं के एक ही परिवार से संबंध रखने वाली समझा जाता है.

एक समय पर पुडुचेरी में फ्रांस की कॉलोनी स्थापित थी.  आज भी पुडुचेरी के कई इलाकों में फ्रेंच भाषा का इस्तेमाल आपसी संवाद के लिए किया जाता है.

हमारे देश में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की सरकारी या शासकीय भाषा का दर्जा दिया गया. भारत में इस दिन को हिंदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है.

भारतीय परिवेश में भाषाओँ का प्रथम सर्वे 1918 से 1928 में सर जॉर्ज अब्राहम ग्रेइर्सन द्वारा किया गया जिसमे कुल 179 भाषाएँ और 544 बोलियाँ सम्मिलित की गयीं.

माना जाता है की मराठी भाषा में प्रयोग किये जाने वाले लगभग 50% शब्द संस्कृत से लिए गए हैं. मराठी भाषा में संस्कृत के अलावा अन्य भाषाओ की छाप भी दिखती है जैसे इंडो-द्रविड़ियन भाषाएँ, अरबी, उर्दू, अंग्रेजी और पुर्तगीज.

हिमाचल प्रदेश और उत्तर पूर्वी भारत में साइनो-टिबितियन  भाषाएँ बोली जाती हैं, जैसे बोडो, नागा, गोरो, मैथी इत्यादि.

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जर्मनी में संस्कृत बहुत प्रसिद्ध एवं सम्मानजनक भाषा है तथा वहाँ कई विश्वविद्यालयों में संस्कृत एक विषय के रूप में पढाई जाती है. देखा गया है की जर्मनी वासियों में संस्कृत को सीखने की बहुत दिलचस्पी है.

पिछले 50 साल में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या 26 करोड़ से बढ़कर 42 करोड़ हो गयी जबकि अंग्रेज़ी बोलने वालों की संख्या 33 करोड़ से बढ़कर 49 करोड़ हो गई.

पापुआ न्यू गिनिया (Papua New Guinea), जहां 839 भाषाओँ का प्रयोग किया जाता है, के बाद विश्व में भारत का स्थान है. भारत में 780 भाषाओँ को संवाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

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