गहरी नींद के लिए आजमाएं विज्ञान द्वारा प्रमाणित ये 12 तरीके

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रात की अच्छी नींद की उपयोगिता जीवन में उतनी ही जरूरी है, जितना की नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार। एक रिसर्च से पता चला है कि खराब नींद का असर आपके हार्मोंन, स्वास्थ्य और मस्तिष्क के काम करने की गति पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। इससे होने वाले दुष्प्रभावों में वजन का बढ़ना तथा वयस्कों और बच्चों दोनों में ही बीमारी के खतरे को बढ़ाना होता है। इसके विपरीत, अच्छी नींद आपको कम खाने, बेहतर व्यायाम करने और स्वस्थ रहने में मदद करती है। पिछले कुछ दशकों में नींद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में ही गिरावट आई है। वास्तव में बहुत सारे लोग नियमित रूप से खराब नींद के शिकार हैं। यदि आप अपने स्वास्थ्य को अनुकूल रखना चाहते हैं या अपना वजन कम करना चाहते हैं तो रात को एक अच्छी नींद लेने की आदत बनाएं। यह आपको लंबे समय में अच्छे परिणाम देगी। यहां हम आपको वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित रात में चैन से नींद लेने के लिए 12 ऐसे टिप्स बताएंगे, जो आपकी नींद को और अधिक बेहतर बनाएंगे।

Table Of Contents
  1. शांत नींद के लिए कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन शाम के समय ना करें
  2. रात की बेहतर नींद के लिए जागने और सोने के समय को निश्चित करें
  3. अच्छी नींद के लिए दिन में चमकदार रोशनी के एक्स्पोज़र को बढ़ाएं
  4. शांत एवं आरामदायक नींद लेने के लिए शराब का सेवन ना करें
  5. शाम के समय नीली रोशनी का एक्सपोजर कम करें
  6. आरामदायक नींद लेने के लिए अनियमित और लंबे दिन के अंतराल को कम करें
  7. बेहतर नींद के लिए शाम को देर से ना खाएं
  8. शांत नींद लेने के लिए अपने सोने के बिस्तर को आरामदायक बनाएं
  9. अच्छी नींद आने के लिए नियमित व्यायाम करना जरूरी है, परंतु सोने से पहले नहीं
  10. बेहतर नींद के लिए अपने शयनकक्ष को सोने के अनुकूल बनाएं
  11. सोने के पहले हल्का स्नान करें
  12. अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही मेलाटोनिन सप्लीमेंट लें

शांत नींद के लिए कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन शाम के समय ना करें

वैसे तो कैफीन के कई फायदे भी होते हैं। यही नहीं अमेरिका  की 90% आबादी इसका सेवन करती है। थोड़ी मात्रा में किया गया इसका सेवन आपके भीतर ऊर्जा और फोकस को बढ़ाता है। हालांकि जब दिन में देर से इसका सेवन किया जाए तो कॉफी आपके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है और आपके शरीर को रात में स्वाभाविक रूप से आराम करने से रोक देती है। कैफीन आपके रक्त में 6 से 8 घंटे तक रहता है। इसलिए शाम को 3-4 बजे के बाद बड़ी मात्रा में कॉफी पीना, रात में आने वाली स्वभाविक नींद को रोकने जैसा होता है।

रात की बेहतर नींद के लिए जागने और सोने के समय को निश्चित करें

आपके शरीर की ‘सर्कैडियन रिदम’ एक लय के अनुसार काम करती है, जो सूर्योदय और सूर्यास्त के साथ संरेखित होती है। यदि आपके जागने और सोने का समय निश्चित और व्यवस्थित है तो यह आपकी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होगा। एक अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जो लोग अनियमित तरीके से सोते हैं और सप्ताहांत में देर से सोते हैं, उन्हें ज्यादातर खराब नींद का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी नींद की समस्या से जूझ रहे हैं, तो एक ही समय पर जागने और सोने की आदत डालें। ऐसा करने से आपको उठने के लिए अलार्म की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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अच्छी नींद के लिए दिन में चमकदार रोशनी के एक्स्पोज़र को बढ़ाएं

हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से समय रखने वाली एक घड़ी होती है, जिसे हम आमतौर पर ‘सर्कैडियन रिदम‘ के नाम से जानते हैं। यह आपके मस्तिष्क, शरीर और हार्मोन को प्रभावित करती है। साथ ही यह आपको यह बताने में मदद करती है कि कब सोने का समय है और कब जागने का। दिन में प्राकृतिक धूप या तेज रोशनी इस घड़ी को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह दिन की ऊर्जा के स्तर को तथा साथ ही रात की नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार भी करती है। इनसोम्निया से पीड़ित लोगों में दिन के समय उजाले का एक्सपोजर उनकी नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार लाता है तथा नींद लाने में लगने वाले समय को 83% तक कम करता है। अधिकांशतः शोध में यह बात साबित हुई है कि जिन लोगों को गंभीर रूप से कम नींद की शिकायत है, यदि वह भी दैनिक प्रकाश में एक्सपोजर करें तो यह उनको अधिक से अधिक मदद करेगा और एक आवश्यक नींद का अनुभव जरूर दिलाएगा। दैनिक सूर्य के प्रकाश में आने की कोशिश करें। यदि यह आपके लिए व्यवहारिक ना हो, तो कृत्रिम प्रकाश में भी रहकर आप कुछ हद तक इसका फायदा उठा सकते हैं।

शांत एवं आरामदायक नींद लेने के लिए शराब का सेवन ना करें

रात के समय कुछ पेय आपकी नींद और उससे जुड़े हार्मोन पर नकारात्मक असर डालते हैं। अल्कोहल को खर्राटों, एपनिया और बाधित नींद के लक्षणों को पैदा करने या बढ़ाने का मुख्य कारण माना जाता है। एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया है कि शराब के सेवन से मानव विकास के हार्मोन में कमी आती है जो कि रात में आने वाली प्राकृतिक नींद के लिए जिम्मेदार होता है इतना ही नहीं यह आपके ‘सर्काडियन रिदम’ में भी एक मुख्य भूमिका निभाता है।

शाम के समय नीली रोशनी का एक्सपोजर कम करें

दिन के दौरान प्रकाश जितना फायदेमंद होता है, रात के समय वह आपकी नींद पर उतना ही विपरीत प्रभाव डालता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आपके ‘सर्कैडियन रिदम’ के द्वारा मस्तिष्क को यह संकेत भेजता है कि अभी भी दिन का समय है। यह मेलाटोनिन जैसे हार्मोन को कम कर देता है, जो आपको आराम करने और गहरी नींद पाने में मदद करता है। नीली रोशनी जो कि इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे स्मार्ट फोन और कंप्यूटर में बड़ी मात्रा में निकलती है, आपकी नींद पर सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे कई तरीके हैं, जिनका उपयोग करके आप नीली रोशनी के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं-

  1. ऐसे चश्मे का प्रयोग करें, जो नीले रंग के प्रकाश रोक सके।
  2. ऐसी ऐप इंस्टॉल करें जो आपके स्मार्टफोन पर रोशनी को रोक सके। यह आईफोन और एंड्रॉयड दोनों तरह के मॉडल में उपलब्ध है।
  3. सोने से पहले टीवी तथा किसी भी चमकदार रोशनी के उपकरण को कम से कम एक घंटा पहले बंद कर दें।
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आरामदायक नींद लेने के लिए अनियमित और लंबे दिन के अंतराल को कम करें

थोड़े समय के लिए सोना फायदेमंद साबित होता है, जबकि ज्यादा या अनियमित तरीके से दिन में सोना नकारात्मक रूप से आपकी रात की नींद को प्रभावित करता है। दिन में सोने से आपकी आंतरिक घड़ी भ्रमित हो जाती है। एक शोध के दौरान यह पाया गया है कि 30 मिनट या उससे कम समय के लिए दिन में सोना आपके दिमाग के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है। परंतु लंबे समय के लिए दिन में सोने से आपकी स्वाभाविक नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आप नियमित तौर पर दिन के समय थोड़ा-सा झपकी के रूप में सोते हैं और रात को अच्छी नींद लेंतें हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक शोध से यह भी साबित हुआ है कि अलग-अलग लोगों पर दिन में झपकी लेने का प्रभाव अलग होता है।

बेहतर नींद के लिए शाम को देर से ना खाएं

देर रात खाना खाने से नींद की गुणवत्ता तथा HGH और मेलाटोनिन के प्राकृतिक रिसाव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि सोने से 4 घंटे पहले खाया गया उच्च कार्बयुक्त भोजन, जल्दी नींद लाने में मददगार होता है। दिलचस्प बात यह भी है कि कुछ अध्ययन से यह पता चलता है कि कम कार्बयुक्त भोजन भी नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यदि आप रात में चैन से सोना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप देर शाम से खाना खाने की अपनी आदत को छोड़ दें।

शांत नींद लेने के लिए अपने सोने के बिस्तर को आरामदायक बनाएं

कुछ लोगों को आश्चर्य होता है कि उन्हें होटल में हमेशा बेहतर नींद कैसे आती है। आराम के माहौल के अलावा सोने का बिस्तर भी नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नया बिस्तर आपकी नींद को बढ़ाने के साथ-साथ आपकी पीठ के दर्द, कंधे का दर्द और साथ ही पीठ की कठोरता में भी कमी लाता है। यह नींद की गुणवत्ता में 60% तक बढ़ोतरी कर सकता है। अच्छा गद्दा और बिस्तर अत्यंत ही व्यक्तिपरक होता है। ऐसा माना जाता है कि आपको कम से कम हर 5 से 8 वर्ष में अपने बिस्तर को अपग्रेड कर देना चाहिए। यदि आपने अपने गद्दे या बिस्तर को कई साल से नहीं बदला है तो अब समय आ गया है कि आप उसे बदले और अपनी नींद में आए बदलाव को नोटिस करें।

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अच्छी नींद आने के लिए नियमित व्यायाम करना जरूरी है, परंतु सोने से पहले नहीं

व्यायाम करना ना सिर्फ आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि आपकी नींद और उससे जुड़ी समस्याओं में भी कमी लाता है। गंभीर अनिद्रा वाले लोगों के लिए व्यायाम करना दवाओं की तुलना से कहीं अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है। हालांकि रात समय अच्छी और आरामदायक नींद पाने के लिए यदि शाम के समय व्यायाम किया जाए तो यह नींद की समस्याओं को कम करता है परंतु यदि यही व्यायाम देर शाम को किया जाए तो यह नींद से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

बेहतर नींद के लिए अपने शयनकक्ष को सोने के अनुकूल बनाएं

बहुत से लोग मानते हैं कि बेडरूम का वातावरण और इसकी सेटिंग एक अच्छी नींद पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें बेडरूम का सही तापमान, बाहरी शोर, रोशनी, तथा फर्नीचर की व्यवस्था जैसे कारक शामिल है। अपने बेडरूम के वातावरण को अनुकूलित बनाने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपका बेडरूम एक शांत, आरामदायक, स्वच्छ और सुखद स्थान में हो। इसमें बाहरी शोर, प्रकाश और कृत्रिम रोशनी को कम करने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया गया हो।

सोने के पहले हल्का स्नान करें

अच्छी नींद लाने के लिए सोने से पहले स्नान करना, बेहतर नींद का एक लोकप्रिय तरीका माना गया है। अध्ययनों से पता चलता है कि सोने के पहले नहाने से आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और साथ ही इससे आपको नींद भी जल्दी आती है। वैकल्पिक रूप से यदि आप रात में पूर्ण स्नान करना नहीं चाहते हैं, तो सिर्फ अपने पैरों को गर्म पानी से धुलने से भी आप को आरामदायक और गहरी नींद मिल सकती है।

अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही मेलाटोनिन सप्लीमेंट लें

मेलाटोनिन, एक प्रमुख स्लीप हार्मोन है। जो आपके दिमाग को यह बताता है, कि कब आपका आराम करने का समय है और कब बिस्तर पर सोने का। यह अत्यंत लोकप्रिय एवं नींद में सहायक सप्लीमेंट है। अनिद्रा का इलाज करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि यदि बिस्तर में जाने के पहले 2 मिलीग्राम मेलाटोनिन ले लिया जाएं तो इससे आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है और अगले दिन आपके अंदर ऊर्जा का प्रवाह भी सही रहता है। उपरोक्त अध्ययनों में मेलाटोनिन के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं बताए गए हैं। परंतु यदि आप नींद के लिए अपने बच्चे को मेलाटोनिन देने की सोच रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से इसके बारे में आपको बात कर लेनी चाहिए क्योंकि बच्चों में इसके दीर्घकालीन प्रभाव का अध्ययन सही तरीके से नहीं किया गया है।

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